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Migraine Kya Hai? इसके लक्षण, कारण और रोकथाम के उपाय

migraine kya hai

Migraine Kya Hai: माइग्रेन एक प्रकार का सिर दर्द है लेकिन यह सामान्य सिर दर्द से काफी भिन्न है। माइग्रेन की स्थिति में सिर के एक हिस्से में बहुत तीव्र दर्द होता है। आज के समय में माइग्रेन की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही, जिसका मुख्य कारण जीवनशैली भी है। माइग्रेन की समस्या महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में पाई जाती है, परंतु इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं होती हैं। इस लेख के माध्यम से माइग्रेन क्या है और इसके उपचार के बारें में विस्तार से जानते हैं

माइग्रेन क्या है? Migraine Kya Hai?

माइग्रेन जिसे हिन्दी में अधकपारी नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्रकार का तेज़ सिरदर्द है जो की आधे सिर को प्रभावित करता है और इसके साथ -साथ माथा, आँखों के आस – पास के क्षेत्र को भी प्रभावित करता है। माइग्रेन का दौरा पड़ने पर 4 घंटे से 72 घंटों तक सिरदर्द बना रहता है यह सिरदर्द प्रत्येक माइग्रेन पीड़ित में अलग – अलग हो सकता है। माइग्रेन का दौरा एक हफ्ते या एक माह में एक बार से लेकर कई बार पड़ सकता है। माइग्रेन की समस्या किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है लेकिन ज्यादातार इस समस्या की शुरुआत किशोरावस्था में होती है जो की 30 की उम्र में अत्यधिक बढ़ जाती है।

माइग्रेन के विभिन्न चरण और लक्षण 

माइग्रेन की समस्या सभी उम्र के लोगों में अलग – अलग होती हैं, किसी को बहुत कम सिर दर्द हो सकता है और किसी को बहुत ज्यादा सिर दर्द हो सकता है। इसके साथ – साथ माइग्रेन का दौरा पड़ने की आवृति और इसके लक्षण भी सभी माइग्रेन पीड़ितों में अलग – अलग हो सकते हैं। इसी के साथ माइग्रेन के विभिन्न चरण और लक्षण निम्न हैं –

माइग्रेन का पहला चरण – Prodrome

यह चरण माइग्रेन का दौरा पड़ने से एक दो दिन पहले आता है, इस चरण के दौरान आप अपने शरीर में कई बदलाव देख सकते हैं जिससे आपको पहले से पता चल जाता है की माइग्रेन का दौरा पड़ने वाला है। Prodrome के लक्षण निम्न हैं –

माइग्रेन का दूसरा चरण – Aura

यह चरण माइग्रेन के दौरा से कुछ समय पहले या दौरे के समय आ सकता है। Aura माइग्रेन पीड़ित के nervous system को प्रभावित करती है। लगभग 20 प्रतिशत मरीज ही माइग्रेन इस चरण का अनुभव करते हैं, Aura के विभिन्न लक्षण निम्न हैं –

माइग्रेन का तीसरा चरण – Attack

इस चरण में माइग्रेन का दौरा पड़ता है, जिसमे सिर दर्द 4 से 72 घंटों तक बना रहता है। माइग्रेन के समय होने वाले सिर दर्द की अवधि तथा दौरे की आवृति सभी मरीजों में अलग – अलग होती है।  माइग्रेन Attack के लक्षण निम्न हैं –

माइग्रेन का चौथा चरण – Postdrome (Migraine Hangover)

यह अवस्था दौरा पड़ने की बाद की है, जिसके लक्षण निम्न हैं –

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माइग्रेन और सिर दर्द में क्या अंतर है?

पहली बार माइग्रेन अटैक आने पर पीड़ित को पता नहीं चलता है की यह माइग्रेन की वजह से होने वाला सिर दर्द है या नहीं और माइग्रेन अटैक को सामान्य सिर दर्द समझ लेते हैं। ऐसे अवस्था में माइग्रेन और सामान्य सिर दर्द में अंतर पता होना चाहिए जिससे समय रहते माइग्रेन का उपचार हो सके।

माइग्रेन क्या है?सामान्य सिर दर्द
माइग्रेन में सिर में सुई की चुभन या कंपन जैसा बहुत तीव्र दर्द होता है। इस दर्द में सिर पर दबाव जैसे महसूस होता है।
माइग्रेन में अधिकतर आधे सिर में दर्द होता है।सामान्य सिर दर्द में पूरे सिर में दर्द होता है।
माइग्रेन का अटैक पड़ने पर 4 घंटे से लेकर 72 घंटों तक सिर दर्द होता है।ज्यादातर सामान्य सिर दर्द की अवधि 5 मिनट से 4 घंटे की होती है।
माइग्रेन पीड़ित रोशनी और शोर के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं जो की माइग्रेन अटैक का कारक हो सकता है। सामान्य सिर दर्द में ऐसा नहीं होता है।
माइग्रेन में आधे सिर में दर्द के साथ, गर्दन, हाथों, कान और आँखों के आस – पास में भी दर्द होता है। सिर दर्द में सिर के साथ – साथ गर्दन और माथे में दर्द होता है।
तनाव, हॉरमोन में बदलाव, मौसम में बदलाव, जेनेटिक्स माइग्रेन के कारण हो सकते हैं। तानव, चिंता, आँखों पर ज़ोर देना, और मांसपेशियों में तानव सिर दर्द होने के कारण हो सकते हैं।
माइग्रेन का अटैक पड़ने पर या उससे पहले कब्ज, उल्टी, थकावट, दृष्टि में प्रभाव पड़ना, डिप्रेशन, मूड स्विंग आदि लक्षण दिखाये देते हैं।सामान्य सिर दर्द में ये सही लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।

माइग्रेन होने के कारण और ट्रिगर करने वाले कारक(trigger factors)

माइग्रेन एक न्यूरोलोजिकल बीमारी है, मस्तिष्क में होने वाली असामान्य गतिविधियाँ मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं, रसायन और नर्व सिग्नल को प्रभावित करती हैं जिसके कारण माइग्रेन का दौरा पड़ता है।

आनुवंशिकी, माइग्रेन का एक कारण हो सकता है, हो सकता है माइग्रेन पीड़ीत के परिवार में कोई इस बीमारी का मरीज रहा हो। माइग्रेन किसी भी वर्ग के व्यक्तियों में हो सकता है परंतु यह बीमारी15 से 55 वर्ष की महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है जिसका कारण हॉरमोन में बदलाव है। माइग्रेन का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है लेकिन इसको ट्रिगर करने वाले कई कारक है जो की निम्न हैं –

आपके माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले कारकों को पहचाने और उन कारकों से दूर रहे, जिससे माइग्रेन का दौरा पड़ने की संभावना थोड़ी कम हो सकती है।

माइग्रेन का इलाज

अब जब आपने जान लिया है कि Migraine Kya Hai तो इसके इलाज के बारे में भी बात कर लेते हैं। माइग्रेन को पूरी तरह से जड़ से खतम करने का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों और सिर दर्द का इलाज किया जा सकता है तथा इसके अटैक की आवृति को भी कम किया जा सकता है। पीड़ित के सभी माइग्रेन लक्षणों को जानने और जरूरी जाँचें करने के बाद डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं।  माइग्रेन के मामलों में दो तरह से इलाज किया जाता है-

माइग्रेन के सभी उम्र के मरीजों के लक्षण और कारक भिन्न – भिन्न होते हैं और उनके इलाज़ के लिए दवाएं भी अलग – अलग होती हैं। इसलिये स्वयं ही खुद का इलाज़ न करें, माइग्रेन के संबंध में किसी भी इलाज़ या दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

माइग्रेन को पूरी तरह से जड़ से खतम करने का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों और सिर दर्द का इलाज किया जा सकता है तथा इसके अटैक की आवृति को भी कम किया जा सकता है। पीड़ित के सभी माइग्रेन लक्षणों को जानने और जरूरी जाँचें करने के बाद डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं।  माइग्रेन के मामलों में दो तरह से इलाज किया जाता है-

माइग्रेन के सभी उम्र के मरीजों के लक्षण और कारक भिन्न – भिन्न होते हैं और उनके इलाज़ के लिए दवाएं भी अलग – अलग होती हैं। इसलिये स्वयं ही खुद का इलाज़ न करें, माइग्रेन के संबंध में किसी भी इलाज़ या दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

माइग्रेन को पूरी तरह से जड़ से खतम करने का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों और सिर दर्द का इलाज किया जा सकता है तथा इसके अटैक की आवृति को भी कम किया जा सकता है। पीड़ित के सभी माइग्रेन लक्षणों को जानने और जरूरी जाँचें करने के बाद डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं।  माइग्रेन के मामलों में दो तरह से इलाज किया जाता है-

माइग्रेन के सभी उम्र के मरीजों के लक्षण और कारक भिन्न – भिन्न होते हैं और उनके इलाज़ के लिए दवाएं भी अलग – अलग होती हैं। इसलिये स्वयं ही खुद का इलाज़ न करें, माइग्रेन के संबंध में किसी भी इलाज़ या दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

माइग्रेन को पूरी तरह से जड़ से खतम करने का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों और सिर दर्द का इलाज किया जा सकता है तथा इसके अटैक की आवृति को भी कम किया जा सकता है। पीड़ित के सभी माइग्रेन लक्षणों को जानने और जरूरी जाँचें करने के बाद डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं।  माइग्रेन के मामलों में दो तरह से इलाज किया जाता है-

माइग्रेन के सभी उम्र के मरीजों के लक्षण और कारक भिन्न – भिन्न होते हैं और उनके इलाज़ के लिए दवाएं भी अलग – अलग होती हैं। इसलिये स्वयं ही खुद का इलाज़ न करें, माइग्रेन के संबंध में किसी भी इलाज़ या दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

माइग्रेन के कुछ घरेलू उपचार

दवाओं के अलावा कई ऐसे घरेलू उपचार जिनके माध्यम से आप माइग्रेन के लक्षण और इसकी आवृति को लंबे से समय के लिए कम कर सकते हैं। माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए निम्न घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं –

निष्कर्ष

Migraine Kya Hai? माइग्रेन सिर के आधे हिस्से में उठने वाला दर्द है, जिसके लक्षणों के बारें में हम बात कर चुके हैं। माइग्रेन से पीड़ित लोग ध्यान रखें की जैसे ही उन्हें शुरुआती लक्षण दिखाई देने वे तुरंत अपना इलाज़ शुरू कर दें। माइग्रेन  ट्रिगर फैक्टर सभी मरीजों में अलग – अलग हो सकते हैं इसलिए अपने ट्रिगर फैक्टर पहचाने और उनसे बचें। माइग्रेन जानलेवा बीमारी नहीं है फिर भी इसे हल्के में न लें , दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह ले और साथ में घरेलू उपचारों की भी मदद ले सकते हैं। अंत में कोई भी दवा लेना या स्वयं अपना इलाज न करें, डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन में सिर के आधे हिस्से में बहुत तीव्र कंपन जैसे दर्द होता है। माइग्रेन में सिर के दर्द के साथ – साथ आँख में दर्द, आँख और कान के आस – पास में भी दर्द हो सकता है।

माइग्रेन का दर्द कितने समय तक रहता है?

माइग्रेन का दौरा पड़ने पर दर्द 4 घंटों से लेकर 72 घंटों तक रह सकता है। माइग्रेन का दर्द चार चरणों में होता है –
Prodrome – माइग्रेन की यह अवस्था 3 घंटे से लेकर कुछ दिनों तक रहती है।
Aura – माइग्रेन की यह अवस्था 5 मिनट से 60 मिनट तक रहती है।
Attack – इस अवस्था में माइग्रेन का दौरा पड़ता है जिसमे सिर दर्द 4 घंटे से लेकर 72 घंटों तक रहता है।
Postdrome – माइग्रेन की यह अवस्था 1 से 2 दिनों तक रहती है।

माइग्रेन के लक्षण क्या हैं?

कब्ज होना, मनोदशा खराब होना, उल्टी होना, आधे सिर में दर्द होना, गर्दन तथा कंधों में भी दर्द होना, पूरा दिन थका हुआ महसूस करना, आँख या उसके आस – पास दर्द होना इत्यादि ये सभी माइग्रेन के लक्षण हैं।

माइग्रेन से निजात पाने के घरेलू उपचार क्या हैं?

माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए कई घरेलू उपचार है जैसे, अदरक, लौंग, दालचीनी सिर दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा पीड़ित उन भोज्य पदार्थों से दूर रहे हैं जो उसके माइग्रेन को ट्रिगर करते हों, खुद को हायड्रेटेड रखें, योग को अपने जीवनशैली में शामिल करें और आरामदायक नींद लें।

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