मकर संक्रांति क्‍यों मनाते हैं, इस दिन हुई थीं ये ऐतिहासिक घटनाएं

मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में आने पर मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और देवलोक में दिन आरंभ होता है। 

मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है,

कुछ परिवर्तन के कारण इसे 15 जनवरी को भी मनाया जाने लगा है। इस साल भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है।

शास्‍त्रों में मकर संक्रांति के दिन स्‍नान, ध्‍यान और दान का विशेष महत्‍व बताया गया है। 

 महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रांति का ही चयन किया था।

मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।

सूर्य का प्रवेश, कुंभ राशि में सब कुछ जला हुआ था। उस समय शनि देव के पास तिल के अलावा कुछ नहीं था.