भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, भारत में इस्तेमाल होने वाले कुल तेल का 80 फीसदी आयात किया जाता है।
5 सितंबर को हुई ओपेक प्लस देशों की बैठक में अक्टूबर माह से 1 लाख बैरल प्रति दिन कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का निर्णय लिया गया
ओपेक+ देशों में अजरबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कजाकिस्तान, मलेशिया, मेक्सिकों, ओमान, रूस, दक्षिण सूडान और सूडान शामिल है
ओपेक+ देश वे देश है जो कच्चा तेल निर्यात करते हैं और ओपेक देशों (ईरान, ईराक,कुवैत, सऊदी अरब, और वेनुजुएला) में शामिल नही है।
रूस ने इस फैसले का विरोध किया था जिस पर ओपेक प्लस संगठन ने जरूरत पड़ने पर दोबारा बैठक बुलाने की बात कही
OPEC+ देशों के इस निर्णय के बाद अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 4 फीसदी की तेजी के साथ 96.42 डाॅलर प्रति बैरल पहुँच गये
OPEC+ देशों द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के फैसले के बाद भारत में तेल के दामों 4% बढ़ोत्तरी
कच्चे तेल के दामों में बढ़ोत्तरी के बाद से भारत में मँहगाई बढ़ने के आसार हैं