Google की ‘Ad Tech Monopoly’ पर बड़ा झटका: US कोर्ट ने गैरकानूनी करार दी Google की Online Advertising Dominance
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक, Google को अमेरिकी अदालत से एक बड़ा झटका लगा है। US District Court की जज Leonie Brinkema ने फैसला सुनाया है कि Google ने दो प्रमुख ऑनलाइन विज्ञापन तकनीक (Online Ad Tech) बाजारों पर गैरकानूनी रूप से एकाधिकार (monopoly) बना रखा है। इस फैसले से Google Ad Products के संभावित विभाजन (breakup) की राह भी खुल सकती है।
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क्या है मामला?
अमेरिका के Department of Justice (DOJ) और कई राज्यों ने Google के खिलाफ antitrust case दर्ज किया था। आरोप था कि Google ने विज्ञापन टेक्नोलॉजी के दो सेगमेंट — publisher ad servers और ad exchanges — पर अनुचित नियंत्रण स्थापित कर रखा है।
कोर्ट ने माना कि Google ने इन दो क्षेत्रों में unfair trade practices का इस्तेमाल किया, जिससे प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए बाजार में टिकना मुश्किल हो गया। हालांकि, अदालत ने यह नहीं माना कि Google ने advertiser ad networks पर भी एकाधिकार जमाया है।
Google को क्यों कहा जा रहा है ‘Monopoly King’?
Google ने पिछले वर्षों में कई छोटे-छोटे एड टेक स्टार्टअप्स का अधिग्रहण (acquisition) किया और धीरे-धीरे पूरे डिजिटल विज्ञापन इंफ्रास्ट्रक्चर को अपने नियंत्रण में ले लिया। अदालत में DOJ ने यह भी तर्क दिया कि Google:
- प्रतिद्वंद्वियों को हटाने के लिए रणनीतिक acquisitions करता है
- अपने प्लेटफॉर्म्स को इस तरह डिजाइन करता है कि ग्राहक दूसरे विकल्पों की तरफ न जा सकें
- डिजिटल ad transactions को अपने ही इकोसिस्टम के अंदर restrict करता है
इन tactics को अदालत ने “classic monopoly-building tactics” की संज्ञा दी।
अब क्या हो सकता है?
इस फैसले के बाद DOJ ने संकेत दिया है कि वे Google से उसका Google Ad Manager प्लेटफॉर्म और ad exchange कारोबार अलग करने की मांग करेंगे। इससे Google को अपने मुख्य विज्ञापन प्रोडक्ट्स को break up करना पड़ सकता है।
यही नहीं, अगले हफ्ते एक और मामला Washington Court में चलने वाला है जिसमें DOJ चाहता है कि Google को अपना Chrome browser बेचने और सर्च इंजन के वर्चस्व को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने को मजबूर किया जाए।
वैश्विक प्रभाव और Google की प्रतिक्रिया
सितंबर 2024 में Reuters ने रिपोर्ट किया था कि Google ने यूरोपीय यूनियन के antitrust regulators को संतुष्ट करने के लिए ad exchange को बेचने पर विचार किया था। अब, अमेरिका में भी इसी दिशा में दबाव बनता दिख रहा है।
Google का कहना है कि DOJ का मामला पुरानी बातों पर केंद्रित है और उन्होंने अपने tools को प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म्स के साथ interoperable बनाने के लिए काफी काम किया है। साथ ही, Google ने यह भी तर्क दिया कि डिजिटल ad बाजार अब बहुत बदल चुका है और इसमें Amazon, Comcast और streaming apps जैसी बड़ी कंपनियों की मजबूत उपस्थिति है।
निष्कर्ष: Google Ad Tech Monopoly
यह मामला केवल Google तक सीमित नहीं है — यह पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए एक wake-up call है। Big Tech कंपनियों की शक्ति पर सवाल उठते रहे हैं, और अब अमेरिकी अदालतों से ऐसे फैसले आना इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में नियमन (regulation) और सख्त होने वाला है।
Google के लिए यह न केवल एक कानूनी बल्कि ब्रांड इमेज की लड़ाई भी बन गई है। अगर DOJ Google को अपने एड टेक उत्पादों को तोड़ने पर मजबूर करता है, तो यह डिजिटल विज्ञापन उद्योग (digital advertising industry) के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ हो सकता है।