जल्द मिलेगें Made in India Laptop व PC, आईटी हार्डवेयर क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत एक कदम और बढ़ा
Made in India आत्मनिर्भर भारत के तहत केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर क्षेत्र में नई पीएलआई की शुरुआत की है जिसमें कुल 27 कंपनियों को मंजूरी दी गई है, जो घरेलू स्तर पर लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, टैबलेट, सर्वर, और अल्ट्रा स्मॉल फार्म फैक्टर डिवाइस मैन्युफैक्चर करेंगी। इसमें बड़ी कंपनियां जैसे डेल, एचपी, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, और फॉक्सकॉन भी शामिल हैं।
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Made in India की तैयारी
केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 23 कंपनियां पहले दिन से मैन्युफैक्चरिंग के लिए तैयार हैं, जो योजना के तहत आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में 3000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। शेष चार कंपनियां भी 90 दिनों के अंदर मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेंगी।
Made in India लैपटॉप और पीसी की मैन्युफैक्चरिंग
आईटी हार्डवेयर पीएलआई 2.0 के तहत लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, टैबलेट, सर्वर, और अल्ट्रा स्मॉल फार्म फैक्टर डिवाइस का घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग होगी। इससे मेड-इन-इंडिया लैपटॉप और पीसी की मैन्युफैक्चरिंग में एक नया मोड़ आएगा, जिससे देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ेगा।
Made in India मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां
चुनी गयी कंपनियों में डेल, एचपी, फ्लैक्सट्रानिक्स, और फाक्सकॉन जैसी भरोसेमंद नाम शामिल हैं, जो अपनी पहल के जरिए भारत को दूनिया भर में हार्डवेयर मानकों में एक गहरा स्थान देंगी।
Made in India मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस
सरकार ने इस योजना को बड़ी समझदारी से मंजूरी दी है, ताकि भारत दूनिया भर में हार्डवेयर निर्माता कंपनियों के लिए खुद को प्रतियोगी बनाने का प्रयास कर रहा है। इससे देश को मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस के रूप में स्थापित करने का शुभ अवसर मिलेगा।
Made in India पीएलआई 2.0
केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इसी वर्ष 17 मई को पीएलआई 2.0 को मंजूरी दी थी, जिसके तहत मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को 17 हजार करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 3.5 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी, जिससे लाखों लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
Made in India रोजगार
इस पहल से कुल दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की आशा है, जिसमें 50 हजार को डायरेक्ट और 1.5 लाख को इनडायरेक्ट रूप से फायदा होगा। योजना के तहत बनने वाले प्रोडक्ट्स की बाजार में बिक्री के साथ निर्यात भी होगा, जो देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूती प्रदान करेगा।
Made in India होने वाला लाभ
- भारतीय मुद्राओं का मजबुत होना: इस प्रमुख पहल में, सभी कंपनियां भारतीय मुद्रा में भारत में ही निवेश करेगी, जिससे देश को और अधिक आर्थिक स्थिति में मदद मिलेगी।
- पैसे की बचत: इसके तहत निर्मित उत्पादों के लिए आपूर्ति में वृद्धि होगी, जिससे यूजर्स को हाई क्वालिटी के साथ-साथ पैसे की भी बचत होगी और देश के विकास में भी सहारा मिलेगा।
- रोजगार: लगभग दो लाख लोगों को नए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, जो कि देश के आर्थिक सुधार में सहायक होगा।
- मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में वृद्धि: नई पीएलआई के तहत यहां उत्पादन की स्तर पर वृद्धि होने से भारत मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनेगा।
- ग्लोबल मानक: इस पहल के माध्यम से बने उत्पादों का विदेशों में भी पहुंचना होगा, जिससे भारत को ग्लोबली बाजार में महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा।
- गरीबी का निराकरण: यह योजना गरीबी को कम करने में सहारा प्रदान करेगी, क्योंकि नए रोजगार के अवसर और स्थानीय उत्पादों की बढ़ती मांग उन्हें समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक होगी।
- आत्मनिर्भर भारत: इस पहल से भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहा है, जिससे देश को विश्व में एक महत्वपूर्ण दर्जा मिलेगा।
- शिक्षा का समर्थन: इस प्रक्रिया में सामाजिक उपयोगिता बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा को समर्थन प्रदान किया जा रहा है, जिससे उद्योग क्षेत्र में नए प्रतिभागी उत्पन्न होंगे।
- पर्यावरण सुरक्षा: भारत में निर्मित तकनीकी उत्पादों का उपयोग करके हम पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में बढ़ रहे हैं, क्योंकि यहां उत्पादन में स्थानीय चिज़ो का उपयोग होगा और इससे पर्यावरण को हानि नहीं होगी।
Made in India आत्मनिर्भर भारत
इस नई पहल से भारत ने खुद को हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में ग्लोबली पावरहाउस के रूप में स्थापित करने का एक नया मील का पत्थर रखा है। इससे देश का आत्मनिर्भरता में एक बड़ा कदम बढ़ा है, जो भविष्य में हार्डवेयर निर्माण में लीडरशिप की भूमिका निभाएगा।
Made in India एक नए युग की शुरुआत
भारत ने एक नए युग की शुरुआत की है, जिसमें तकनीकी प्रोडक्ट्स का निर्माण घरेलू स्तर पर होगा। नई पीएलआई के तहत इस क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियां भारत को आत्मनिर्भर बनाए रखने में सहायक होंगी और साथ ही देश को ग्लोबल तकनीकी बाजार में मजबूती देगी। इस नए सफलता की योजना के बाद, हम अब मोबाइल फोन, लैपटॉप, पीसी, और टैबलेट्स के निर्माण में नयी ऊंचाइयों की बुलंदीयों को छु रहे हैं।
नई पीएलआई का क्या मतलब है?
नई पीएलआई, या नई प्रोडक्ट्स लिंक्ड इंसेंटिव (नई पीएलआई), एक सरकारी योजना है जिसका मकसद भारत में नई उत्पादन गतिविधियों को बढावा हेना होता है।
कौन-कौन से विभागों में नई पीएलआई मैन्युफैक्चरिंग होगी?
नई पीएलआई 2.0 के तहत आईटी हार्डवेयर, लैपटॉप, पीसी, टैबलेट, सर्वर, और अल्ट्रा स्मॉल फार्म फैक्टर डिवाइस जैसे विभिन्न विभागों में मैन्युफैक्चरिंग होगी।
कौन-कौन सी कंपनियां नई पीएलआई में शामिल हैं?
चयनित कंपनियों में डेल, एचपी, फ्लैक्सट्रानिक्स, राइजिंग स्टार्स हाई-टेक, फाक्सकॉन, और सोजो मैन्यूफैक्चरिंग सर्विसेज जैसी कंपनियां शामिल हैं।