कंप्यूटर क्या है – What is computer [2023]
क्या आप जानना चाहते हैं कि कंप्यूटर क्या है (What is computer), कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं, और कंप्यूटर का इतिहास क्या है, तो आप सही जगह आए हैं। कंप्यूटर एक बहुत ही कामकाजी डिवाइस है जो बहुत सारे कार्यों के लिए उपयोग होता है।
आजके आधुनिक समय में ऐसी कोई भी शाखा नहीं है जिसमें कंप्यूटर का उपयोग नहीं होता हो। आजके समय में अगर आप कंप्यूटर की मूल जानकारी नहीं जानते, तो आप शायद पीछे रह सकते हैं क्योंकि आजके युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्राधिकृत समय है, जिसकी नींवें कंप्यूटर ने रखी थी।
कंप्यूटर का इतिहास भी बेहद रोचक है, जिसके बारे में आगे विस्तार से जानेंगे। इस लेख में हम आपको सरल शब्दों में बताएँगे कि कंप्यूटर क्या है, कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है, कंप्यूटर का इतिहास क्या है, कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया और कब किया, कंप्यूटर कैसे काम करता है, आदि.
Table of Contents
कंप्यूटर क्या है – What is computer in Hindi ?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो इनफॉर्मेशन या डेटा को स्टोर कर सकता है, प्रोसेस कर सकता है और सेंड कर सकता है। कंप्यूटर का इस्तेमाल हम डॉक्युमेंट लिखने, किसी को ईमेल भेजने, गेम्स खेलने और ब्राउज़ करने के लिए होता है।
कंप्यूटर को इस्तेमाल करने के लिए हमें उसे कोई इंस्ट्रक्शन देना होता है जिसे इनपुट (input) कहते हैं। फिर कंप्यूटर उस इंस्ट्रक्शन के मुताबिक इनफॉर्मेशन को प्रोसेस करेगा और उसका रिजल्ट हमें बताएगा जिसे आउटपुट (output) कहते हैं। कंप्यूटर बनाने की शुरुआत कैलकुलेशन करने के लिए की गई थी। ‘कंप्यूटर’ शब्द लैटिन शब्द ‘computare’ से आया है जिसका मतलब है कैलकुलेट करना है।
कंप्यूटर में बहुत सारे एप्लिकेशन्स होते हैं जो इंसानों की मदद अलग-अलग कामों में करते हैं। कंप्यूटर को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों से बनाया गया है, ये दोनों कंप्यूटर को काम करने में मदद करते हैं। कंप्यूटर से बड़े बड़े calculations आसानी से कुछ सेकंड में कर सकते हैं। कंप्यूटर जिन चीजों से बनता है, उसमें वायर्स, सर्किट्स, हार्ड डिस्क होते हैं जिन्हें हार्डवेयर कहते हैं। अब आपको पता चलगया होगा के कंप्यूटर क्या है।
कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं? What is Computer in Hindi
आम जिंदगी में कंप्यूटर को हिंदी में कंप्यूटर ही कहते हैं, लेकिन शुद्ध हिंदी की बात करें तो कंप्यूटर को हिंदी में संगणक कहते हैं, इसके अलावा कंप्यूटर को हिंदी में अभिकलक और अभिकलित्र भी कहते हैं।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म – Computer full form in Hindi?
नीचे दिए गए कंप्यूटर का फुल फॉर्म को बीसवीं सदी के बीच में कहा गया था जब कंप्यूटर अपने शुरुआती दिनों में थे. कंप्यूटर जब बने थे तब इन्हें मिलिट्री और साइंटिस्ट इस्तेमाल करते थे रिसर्च के लिए, फिर वक्त के साथ कंप्यूटर को हर काम के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा।
- Common Operating Machine Purposely Used for Technology and Educational Research
- कॉमन ऑपरेटिंग मशीन पर्पसली यूज़ड फॉर टेक्नोलॉजी एंड एजुकेशनल रिसर्च
Word | Computer Full Form in English | Computer Full Form In Hindi |
C | Common – कॉमन | आम तौर पर |
O | Operating – ऑपरेटिंग | संचालित |
M | Machine – मशीन | मशीन |
P | Purposely – पर्पसली | विशेष रूप से |
U | Used – यूज़ड | प्रयुक्त |
T | Technology – टेक्नोलॉजी | तकनीकी |
E | Educational – एजुकेशनल | शैक्षणिक |
R | Research – रिसर्च | अनुसंधान |
कंप्यूटर की परिभाषा – Definition of Computer in Hindi
कंप्यूटर एक ऐसा डिवाइस है जो इनफॉर्मेशन को डिजिटलाइज़्ड फॉर्म में एक्सेप्ट करता है, फिर इसे प्रोसेस करके रिजल्ट निकालता है दिए गए इंस्ट्रक्शन, प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर के मुताबिक। डेटा को कैसे प्रोसेस करना है, ये इंस्ट्रक्शन देने के बाद कंप्यूटर डेटा को प्रोसेस करता है, फिर रिजल्ट दिखाता है।
कंप्यूटर का इतिहास क्या है । History of computer?
कंप्यूटर बनने से पहले लोग काउंटिंग के लिए लकड़ियों का, हड्डियों का और पत्थरों का इस्तेमाल करते थे, काउंटिंग टूल्स की तरह। जैसे इंसानों का दिमाग विकसित होता गया, वैसे ही टेक्नोलॉजी एडवांस होती चली गई और लोगों ने कंप्यूटिंग डिवाइसेस को बेहतर बनाना शुरू किया, जैसे एबेकस, नापिएर, बोनास, आदि। तब तक लोग कंप्यूटर क्या है इस बात से अन्जान थे।
इन डिवाइसेस को कंप्यूटर्स की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा, मैथमेटिकल कैलकुलेशन करने के लिए। हमने निचे कुछ पॉपुलर डिवाइसेस के बारे में बताया है, कंप्यूटर के इतिहास से आजतक, टेक्नोलॉजी कैसे और कब-कब एडवांस हुई, जानें:
Abacus
करीब 4 हजार साल पहले चाइनी लोगों ने Abacus को बनाया था। यह माना जाता है कि यह पहला कंप्यूटर था और कंप्यूटर की शुरुआत Abacus से हुई थी। Abacus एक लकड़ी के stand की तरह होता है, जिसमें मेटल की rods होती हैं और उन rods में मोती लगे होते हैं, जिन्हें लोग मूव करके कैलकुलेशन करते थे। इसमें कुछ नियम होते थे, जिनका उपयोग करके मूव किया जाता था और कैलकुलेशन की जाती थी। कुछ देशों में जैसे कि चीन, रूस और जापान, लोग आज भी इसका उपयोग करते हैं।
Napier’s Bones
“Napier’s Bones” एक कैलकुलेटिंग यंत्र था जिसे मैन्युअली इस्तेमाल करना होता था। इसे John Napier ने बनाया था और इसमें 9 अलग-अलग हड्डियों का इस्तेमाल किया गया था, इसलिए इसका नाम ‘Napier’s Bones’ रखा गया था। इन 9 अलग-अलग हड्डियों से मल्टिप्लाई और डिवाइड किया जा सकता था कैलकुलेशन के लिए। यह पहली मशीन थी जिसमें पहली बार डेसिमल पॉइंट सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था कैलकुलेशन करने के लिए।
Pascaline
इसे अरिथमेटिक मशीन और एडिंग मशीन भी कहा जाता है। इसे 1642-1644 के बीच फ्रेंच मैथमेटिशियन Blaise Pascal ने विकसित किया था और यह पहली आटोमेटिक कैलकुलेटर था जिसे मैन्युअली इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं थी। Pascal ने इसे अपने पिता के लिए बनाया था क्योंकि उनके पिता एक अकाउंटेंट थे। इसके माध्यम से आसानी से सब्ट्रैक्शन और एडिशन किए जा सकते थे, वो भी फ़ास्ट।
Stepped Reckoner या Leibniz Wheel
इसको जर्मन मैथमेटिशियन Gottfried Wilhelm Leibniz ने 1673 में विकसित किया था, पैस्कल की मशीन को बेहतर बनाया था। यह एक डिजिटल मैकेनिकल कैलकुलेटर था। पास्कल ने इसमें गियर का इस्तेमाल किया था और लेबनिज़ ने बाँसुरी वाले ड्रम से बनाया था, इसलिए इसे Stepped Reckoner कहा जाता है।
Difference Engine
Charles Babbage ने 1820 में ‘Difference Engine’ को बनाया था। Difference Engine एक मैकेनिकल कंप्यूटर है जो आसान कैलकुलेशन कर सकता है। इस मशीन में स्टीम का इस्तेमाल किया जाता था।
Analytical Engine
Charles Babbage ने फिर से 1830 में एक और कैलकुलेटिंग मशीन बनाई जिसका नाम ‘Analytical Engine’ था। Analytical Engine में पंच कार्ड्स का इस्तेमाल किया जाता था इनपुट के लिए। किसी भी गणितिक समस्या को हल करने की क्षमता थी और जानकारी को परमानेंट मेमोरी में स्टोर कर सकता था। इस योगदान के कारण Charles Babbage को ‘फादर ऑफ़ मॉडर्न कंप्यूटर’ कहा जाता है।
Tabulating Machine
एक अमेरिकन ने 1890 में इस मशीन को इंवेंट किया था जिनका नाम ‘Herman Hollerith’ था। यह एक मैकेनिकल टैबुलेटर है जो ‘Punch Cards’ पर निर्भर होता था। इस मशीन को 1890 में U.S. सेंसस के लिए इस्तेमाल किया गया था। Hollerith ने कंपनी बनाई थी जिसका नाम था ‘Tabulating Machine Company’ और 1924 में इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (IBM) बना।
Differential Analyzer
1930 में यूनाइटेड स्टेट्स में पहली बार जो इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर लाया गया था वो ‘Differential Analyzer’ था। इसको Vannevar Bush ने विकसित किया था। इस मशीन में वैक्यूम ट्यूब्स का इस्तेमाल किया गया था। यह कुछ ही मिनट्स में 25 कैलकुलेशन कर सकता था।
Mark I
1937 में कंप्यूटर के इतिहास में बड़े बदलाव होने लगे जब ‘Howard Aiken’ ने आईबीएम मशीन बनाने की सोची जो बड़े और कठिन कैलकुलेशन को कर सके। 1944 में Mark I कंप्यूटर बनाया गया था, आईबीएम और हार्वर्ड की मिलकर। यह कंप्यूटर के इतिहास में पहला डिजिटल कंप्यूटर था जो प्रोग्रैमेबल था, और यहीं से कंप्यूटिंग की नई दुनिया शुरू होती है।
अब आपको पता चलगया होगा के कंप्यूटर क्या है और कंप्यूटर का इतिहास क्या है।
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?
ऐसा माना जाता है कि एनालिटिकल इंजन ही सबसे पहला कंप्यूटर है, जिसको 1837 में ‘चार्ल्स बैबेज’ ने बनाया था। इसमें ‘पंच कार्ड्स’ का उपयोग किया गया था और ROM ‘रीड-ओनली मेमोरी’ के लिए। चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के जनक यानी फादर ऑफ कंप्यूटर भी कहा जाता है।
कंप्यूटर कैसे काम करता है?
कंप्यूटर सिस्टम इन चार ज़रूरी भागों की वजह से चलता है इनपुट, स्टोरेज स्पेस, प्रोसेसिंग और आउटपुट. चलिए इसे समजते है.
इनपुट: इनपुट यानि कोई भी इनफार्मेशन जो हम कंप्यूटर को देते है. कंप्यूटर को हम अलग अलग device का इस्तेमाल करके इनपुट देते है जैसे, कीबोर्ड, माउस, मिक्रोफों, आदि. उधारण के लिए कीबोर्ड से हम कोई भी चीज़ टाइप करके कंप्यूटर को बताते है उसे इनपुट कहते है.
स्टोरेज: स्टोरेज स्पेस यानि वो जगह जहां पर हमारा इनपुट स्टोर होता है. इसे कंप्यूटर मेमोरी कहते है, कंप्यूटर डाटा और डॉक्यूमेंट को स्टोर करने के लिए हार्ड drive का इस्तेमाल करता है. इसमें दो तरह की मेमोरी होती है इंटरनल मेमोरी और एक्सटर्नल मेमोरी. इंटरनल मेमोरी को RAM कहते है जो temporarily डाटा होता है, प्रोसेसिंग करने के बाद उसे मिटादेता है. एक्सटर्नल मेमोरी जिसे डाटा को परमानेंट स्टोर करने के लिए किया जाता है. ये डाटा आपको निकालना पड़ेगा या डैमेज होने पर निकट है.
प्रोसेसिंग: कंप्यूटर में किसी भी डाटा को प्रोसेस करने का काम CPU (Central Processing Unit) का होता है. इसलिए इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है. कंप्यूटर के दिमाग की स्पीड इंसानों के दिमाग से चार गुना फ़ास्ट है.
आउटपुट: कंप्यूटर डाटा को प्रोसेस करने के बाद जो रिजल्ट दिखता है उसे आउटपुट कहते है. उद्धरण के लिए जब हम कीबोर्ड से अपना नाम टाइप करते है तो कंप्यूटर प्रोसेस करके अपने आउटपुट डिवाइसेस मॉनिटर से हमें नाम लखा हुआ दिखता है. कंप्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड बहुत तेज़ होती है इसलिए वह समय नहीं लेता है. बहुत सारे आउटपुट devices होते है जैसे मॉनिटर, loudspeakers, printer, आदि.
कंप्यूटर चलने में ये सारी चीज़े ज़रूरी role निभाते है.
कंप्यूटर के प्रकार – Types of computer in Hindi?
साइज़ और डेटा हैंडलिंग के आधार पर कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं, जानें:
सुपर कंप्यूटर:
स्पीड की बात करते हैं तो सबसे पहले सुपर कंप्यूटर दिमाग में आता है, क्योंकि ये सबसे बड़े और फास्टेस्ट कंप्यूटर होते हैं डेटा प्रोसेसिंग स्पीड के मामले में। सुपर कंप्यूटर्स को इसलिए बनाया जाता है ताकि उससे बहुत ज्यादा डेटा प्रोसेस किया जा सके कुछ ही सेकंड्स में। इसे साइंटिफिक रिसर्च और इंजीनियरिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
मेनफ्रेम कंप्यूटर:
यह सबसे महंगे कंप्यूटरों में से एक है। इसकी बहुत अच्छी परफ़ॉरमेंस के साथ स्टोरेज की क्षमता भी ज्यादा होती है। इसमें भी ज्यादा डेटा को प्रोसेस किया जाता है, जैसे बैंकिंग सेक्टर के डेटा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह बिना रुके बहुत समय तक अच्छे से चलता है। इसे एक समय में हजारों उपयोगकर्ता इस्तेमाल कर सकते हैं। इनका इस्तेमाल बैंकिंग और टेलिकॉम सेक्टर में होता है।
मिनी कंप्यूटर:
यह एक मीडियम साइज़ का कंप्यूटर होता है जिसमें दो से ज्यादा प्रोसेसर होते हैं और इस कंप्यूटर को 4 से 200 उपयोगकर्ता एक ही समय में इस्तेमाल कर सकते हैं। मिनी कंप्यूटर का उपयोग इंस्टीट्यूट और अलग-अलग विभागों में किया जाता है, जैसे अकाउंटिंग, बिलिंग, आदि। यह कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटा होता है और माइक्रोकंप्यूटर से बड़ा होता है।
वर्कस्टेशन कंप्यूटर:
वर्कस्टेशन कंप्यूटर को किसी तकनीकी काम या वैज्ञानिक एप्लिकेशन के लिए बनाया जाता है। इसे सिर्फ़ एक उपयोगकर्ता इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है और किसी ख़ास काम के लिए बनाया गया है। इस तरह के कंप्यूटर को एनिमेशन, सीएडी, डेटा एनालिसिस, एडिटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
पर्सनल कंप्यूटर (पीसी):
पीसी को माइक्रो कंप्यूटर भी कहते हैं। ये आम लोगों के लिए जनरल कामों के लिए बनाए जाते हैं। ये कंप्यूटर पर्सनल कामों के लिए सबसे अच्छे होते हैं, जैसे कि ऑफिस में काम करने के लिए, मूवीज़ देखने और असाइनमेंट करने के लिए, आदि। जो हम घरों में लैपटॉप और कंप्यूटर्स इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ही पीसी कहते हैं।
इसी तरह से सर्वर कंप्यूटर, एनालॉग कंप्यूटर, डिजिटल कंप्यूटर और हाइब्रिड कंप्यूटर भी कंप्यूटर के प्रकार होते हैं। अब आपको पता चलगया होगा के कंप्यूटर क्या है और कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं.
कंप्यूटर के कितने भाग होते है – Parts of Computer in Hindi
कंप्यूटर क्या है जानने के बाद अब जानते है कि कंप्यूटर के बेसिक पार्ट्स को जानें:
कंप्यूटर केस (Computer case):
कंप्यूटर केस यानी मेटल और प्लास्टिक का बॉक्स होता है जिसमें अक्सर कंप्यूटर के मुख्य घटक होते हैं जैसे कि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट, मदरबोर्ड और पॉवर सप्लाई।
मॉनिटर:
मॉनिटर वह स्क्रीन होती है जिसमें हम कंप्यूटर के परिणाम को स्क्रीन पर देखते हैं, यह वीडियो कार्ड के साथ काम करता है। मॉनिटर से हम छवियाँ, टेक्स्ट और वीडियो देख सकते हैं। नए मॉनिटर्स में LCD और LED डिस्प्ले होते हैं। पहले के मॉनिटर्स बहुत ज्यादा वजन वाले होते थे और उनका साइज़ भी बड़ा होता था।
कीबोर्ड:
कंप्यूटर का सबसे आवश्यक इनपुट डिवाइस जिससे हम कंप्यूटर से बात कर सकते हैं, वह है कीबोर्ड। विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड्स कंप्यूटरों में होते हैं और लोग अक्सर सबसे अधिक कीबोर्ड का उपयोग करते हैं।
माउस:
कंप्यूटर से बातचीत के लिए दूसरा सबसे आवश्यक डिवाइस माउस होता है। इसके साथ हम कंप्यूटर में किसी भी चीज़ को पॉइंट कर सकते हैं, मूव कर सकते हैं और क्लिक कर सकते हैं। दो मुख्य प्रकार के माउस होते हैं, एक ऑप्टिकल माउस और दूसरा मैकेनिकल माउस। माउस के साथ हम अन्य डिवाइसेज़ भी उपयोग करते हैं जैसे कि टचपैड और ट्रैकबॉल।
कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेर क्या है?
कंप्यूटर में जो चीजें फिजिकली देखी और जिन्हें छूआ जा सकता है उन्हें हार्डवेयर कहते हैं, जैसे मॉनिटर, कीबोर्ड और कंप्यूटर के अंदर भी होते हैं जैसे हार्ड ड्राइव और माइक्रोचिप्स.
सॉफ्टवेयर, वह जो हार्डवेयर को काम करने के लिए निर्देश देता है, कि क्या काम करना है और कैसे करना है, ये सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को बताता है। सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर के प्रोग्राम और मोबाइल में एप्लिकेशन्स शामिल हैं, जैसे वीडियो गेम्स, वेब ब्राउज़र, फ़ोटो एडिटर, नोट पैड आदि।
ये दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं, लेकिन दोनों को काम करने के लिए आपसी आवश्यकता होती है, बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर काम नहीं कर सकता है और अगर हार्डवेयर नहीं होगा तो सॉफ्टवेयर निर्देश किससे प्राप्त करेगा। इन दोनों में से एक भी नहीं होता तो कंप्यूटर का संचालन संभव नहीं होगा.
कंप्यूटर की 10 विशेषताएं – Characteristics of computer in Hindi?
- कंप्यूटर की स्पीड बहुत तेज़ होती है, कोई भी कैलकुलेशन कुछ सेकंड्स में कर सकता है।
- कंप्यूटर 100% एक्युरेट कैलकुलेशन कर सकता है। कोई भी चीज़ परफेक्ट और एक्युरेट नहीं होती, पर ये तो है।
- कंप्यूटर बिना थके घंटों तक काम कर सकता है।
- कंप्यूटर से हम हर काम करवा सकते हैं, कंप्यूटर हमारे ऊपर निर्भर होता है, उसे सिर्फ इंस्ट्रक्शन की ज़रूरत होती है।
- कंप्यूटर की मेमोरी इंसानों की मेमोरी जैसी होती है।
- इसमें हम डेटा को स्टोर कर सकते हैं और जब चाहेंतब उसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कंप्यूटर सिस्टम में कुछ ख़ास चीज़ें होती हैं जैसे सोचने की शक्ति, reasoning और सीखने की क्षमता।
- ये अपना काम तर्कसंगत तरीके से पूरा करते हैं, और आगे बढ़कर विकसित होकर आजके समय में हम इसे AI (Artificial Intelligence) कहते हैं।
- कंप्यूटर एक समय में एक से ज्यादा काम कर सकता है।
- कंप्यूटर से हम कामों को ऑटोमेट कर सकते हैं, कुछ काम कंप्यूटर आपूर्तिक रूप से भी करता है, इसके लिए बस एक प्रोग्राम, स्क्रिप्ट या बैच प्रोसेसिंग की ज़रूरत होती है।
कंप्यूटर और इंसान की तुलना?
इंसान को बनने में 9 महीने लगते हैं। | अलग-अलग भागों को मिलाकर इंसान कंप्यूटर को बनाते हैं। |
इंसानों के पास जीवित विशेषताएँ होती हैं जैसे कि खाना, पानी और इमोशन्स का होना। | कंप्यूटर एक नॉन-लिविंग चीज़ है जिसे इंसानों ने बनाया है। यह इलेक्ट्रिसिटी लेता है और इसके पास कोई इमोशन्स नहीं होते हैं। |
इंसान के पास दिमाग होता है जो खुद से कुछ भी सोच सकता है। | कंप्यूटर के पास कोई दिमाग नहीं होता, बस वही कर सकता है जो उसे इंस्ट्रक्शन दिए गए हों। |
इंसान कंप्यूटर का इस्तेमाल अपने किसी भी काम के लिए कर सकते हैं। | कंप्यूटर अपने किसी भी काम के लिए इंसानों का इस्तेमाल नहीं करता है। |
इंसान शायद एक वक्त पर एक ही काम करते हैं। | कंप्यूटर एक वक्त पर बहुत सारे काम लगातार कर सकता है। |
कंप्यूटर का उपयोग – Uses of Computer in Hindi
- आज के समय में कंप्यूटर हर बिजनेस में इस्तेमाल किया जा रहा है।
- साइंटिस्ट अपनी रिसर्च के लिए कंप्यूटर को सबसे जरूरी मानते हैं, डेटा को एनालाइज करने, स्टोर करने।
- गवर्नमेंट के हर डिपार्टमेंट में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- कंप्यूटर की वजह से अस्पतालों में डायग्नोसिस करने के मेथड बदले जा रहे हैं और आसानी से बनते जा रहे हैं।
- अपने विभिन्न शैक्षिक सामग्री के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल पढ़ाई में भी बहुत होता है।
- बड़ी उद्योगों में कार्यों को आसानी और तेजी से पूरा करने के लिए कंप्यूटरों का उपयोग किया जा रहा है।
- बैंकिंग आजकल का सबसे तेजी से विकसित हो रहा सेक्टर है, खासकर पिछले कुछ सालों में इसमें कंप्यूटर का महत्वपूर्ण योगदान है।
- मनोरंजन के लिए भी कंप्यूटरों का बड़ा उपयोग होता है।
- कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए कंप्यूटरों का उपयोग करती हैं।
- इसी तरह, दुनिया के हर क्षेत्र, हर सेक्टर और हर देश में कंप्यूटर का उपयोग होता है।
कंप्यूटर की बेसिक जानकारी?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका उपयोग हम बड़े-बड़े मैथमैटिकल कैलकुलेशन करने और अन्य सभी ऑनलाइन कार्यों के लिए करते हैं।
भारत में सबसे पहले कंप्यूटर कब बना?
1950 में TIFRAC नाम से सबसे पहले कंप्यूटर बना था।
कंप्यूटर के फायदें और नुकसान?
कंप्यूटर के फायदें?
- कंप्यूटर एक साथ एक से ज्यादा काम कर सकता है।
- कंप्यूटर किसी भी काम को बहुत तेजी से कर सकता है।
- कंप्यूटर में जितना चाहे उतना बड़े अमाउंट का डेटा स्टोर कर सकता है।
- कंप्यूटर की एक्युरेसी 100% होती है, कभी भी गलती नहीं करता है।
- ऐसे काम जो इंसानों के लिए नामुमकिन है, वैसे काम कर सकता है।
- दूसरे डिवाइसेज़ से बात कर सकता है।
- कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
कंप्यूटर के नुकसान?
- कंप्यूटर में वायरस आ सकता है और हैकिंग हो सकती है।
- ऑनलाइन साइबर क्राइम हो सकते हैं।
- कंप्यूटर से बहुत लोगों की नौकरी भी चली गई है।
- कंप्यूटर आजकल भी महंगा है।
- अगर आपको इंटरनेट का इस्तेमाल करने की आदत है तो आपका समय कब निकलेगा, आपको पता भी नहीं चलेगा।
- जो कंप्यूटर खराब होते हैं उन्हें फेंक दिया जाता है, जिससे वातावरण को नुकसान होता है।
- कंप्यूटर को हद से ज्यादा इस्तेमाल करने पर इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।
यह भी पढ़ें- ड्रोन क्या हैं, उनका काम क्या होता है, उनके उपयोग, लाभ और हानि, उनका भविष्य।
कंप्यूटर चलाना कैसे सीखें?
अगर आप पढ़े-लिखे हैं तो आप कंप्यूटर को खुदसे इस्तेमाल करके सीख सकते हैं, इंटरनेट पर कौनसा किस लिए काम आता है जान सकते हैं। या कंप्यूटर ट्रेनिंग क्लासेस ज्वाइन कर सकते हैं।
FAQ – What is Computer in Hindi
कंप्यूटर की खोज किसने की थी और कब की?
आज हमारे पास जो कंप्यूटर पंहुचा है उसे किसी एक ने नहीं बनाया बलके अलग अलग लोगों और संस्थाओं ने शुरुआत की थोडा थोडा आगे बढाया, हर बार किसिस ने पिछले वाले से बेहतर बनाया है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि एनालिटिकल इंजन सबसे पहला कंप्यूटर है, जिसको 1837 में ‘चार्ल्स बैबेज’ ने बनाया था।
कंप्यूटर किसे कहते हैं?
कंप्यूटर यानि एय्सा इलेक्ट्रॉनिक device जो हर ऑनलाइन काम को कर सकता है. बड़े बड़े मैथमेटिकल कैलकुलेशन सेकंड्स में कर सकता है.
भारत का सबसे पहले सुपर कंप्यूटर कब बना?
भारत में सबसे पहला सुपर कंप्यूटर 1991 में बना था, जिसका नाम ‘परम 8000’ था।
कंप्यूटर क्या कार्य करता है?
कंप्यूटर से बहुत सारे काम किए जा सकते हैं, जैसे कि:
1. बड़े-बड़े कैलकुलेशन किए जा सकते हैं।
2. फ़ोटो और वीडियो संपादन किया जा सकता है।
3. ऑनलाइन पढ़ाई की जा सकती है और मूवीज़ देखी जा सकती हैं।
4. किसी भी डेटा को डिजिटल फ़ॉर्म में स्टोर किया जा सकता है।
5. वेब ब्राउज़र का उपयोग इंटरनेट के लिए किया जा सकता है, आदि।
निष्कर्ष- What is Computer
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे हम ऑनलाइन किसी भी काम को करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। कंप्यूटर क्या है और कैसे काम करता है, यह जानना जरूरी है ताकि आपको दुनिया की एडवांस टेक्नोलॉजी के बारे में पता चल सके।
इस आर्टिकल में हमने जाना कि कंप्यूटर क्या है (What is computer in Hindi), कंप्यूटर का फुल फॉर्म, कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया, कंप्यूटर की परिभाषा क्या है, कंप्यूटर की 10 विशेषताएं, कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं, कंप्यूटर के प्रकार कितने हैं, कंप्यूटर की बेसिक जानकारी क्या है, आदि।
आशा है कि आपको हमारा यह आर्टिकल ‘कंप्यूटर क्या है (What is computer)‘ अच्छा लगा होगा। कंप्यूटर क्या है या कंप्यूटर की बेसिक जानकारी से जुड़ा कोई सवाल हो तो कृपया कमेंट करें और साझा करें ताकि दूसरों को भी पता चले कि कंप्यूटर क्या है और कंप्यूटर की बेसिक जानकारी क्या है।