PM Modi ने AI Deepfake पर G20 शिखर सम्मेलन में जताई चिंता, कहा AI समाज के लिए सुरक्षित होना चाहिए
AI Deepfake: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को G20 शिखर सम्मेलन में एलान किया कि AI (Artificial intelligence) एक तेजी से बढ़ने वाली टेक्नोलाॅजी है जो हर किसी को इसके बारे में जानना अति आवश्यक है। उन्होंने इसके साथ आने वाली सुरक्षा समस्याओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “AI की नाॅलेज लोगों तक पहुंचनी चाहिए, और यह समाज के लिए भी सुरक्षित होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारत ग्लोबली AI नियमों को प्रस्तुत करने के लिए काम करेगा।
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AI Deepfake का नकरारात्मक उपयोग
प्रधानमंत्री ने बताया अपने समर्पित विचार प्रकट करते हुए कहा, कभी-कभी AI जब यह गलत हाथों में पहुंचता है तो नकरारात्मक उपयोग दिन पे दिन बढ़ने से चिंता होती है। इस बारे में उन्होंने कहा, “AI (Artificial intelligence) की सही जानकारी और जागरुकता लोगों तक पहुंचनी चाहिए, और यह समाज के लिए एक सुरक्षित माहौल होना चाहिए।” भविष्य में AI के द्वारा बनाए गए गहरे झूठे वीडियों के बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ सक्ता है।
AI Deepfake नकरारात्मक उपयोग को चुनौती
जिनको AI Deepfake के बारे में नहीं पता है, डीपफेक्स एक तकनीक है जो AI Tools का उपयोग करके वीडियो को इस तरह से एडिट करते हैं कि अच्छे-अच्छे लोगों को इसके बारे में बता लगाना कि यह झूठ है या सच एक बड़ी चुनौती है और वह किसी के लिये कुछ ऐसी बातें भी कह सकता है जो उसने अपने वास्तविक जीवन में कभी उसने बोली ही ना हो।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक घटना का खुलासा किया जहां उन्होंने खुद को ऐसा करते हुए देखा था। उन्होंने कहा, “यह बहुत अद्भुत लग रहा था।” उन्होंने चेतावनी दी कि डीपफेक्स बड़ी-बड़ी समस्याओं को पैदा कर सकता है। “सुचनाओं को बड़े बड़े रोचक तरीके से तोड़-मरोड़ कर और उसपर नफरत की चटनी लगाकर आपके सामने कभी भी और कही पर भी परोसा जा सकता है,” उन्होंने चेतावनी दी की इस तरह के विडियो, फोटो और आडियो से होशियार रहें, कभी भी कोई भी विडियो को शेयर करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कही यह विडियो AI Deepfake तो नही है।
AI Deepfake के प्रसार का खतरा
हाल ही में, इस तकनीक का उपयोग करके बॉलीवुड अभिनेत्रियों के बारे में बनाए गए डीपफेक्स वीडियो वायरल हो गए, जिससे इस तकनीक के संभावित दुरुपयोग का खतरा बढ़ गया है। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में OpenAI के नेतृत्व में बातचीत की है और उन्होंने उन्हें अपने Tools का उपयोग करके बनाए गए चीज़ो के लिए ‘AI Generated’ लेबल का सुझाव दिया है।
AI Deepfake के प्रभाव पर चिंताएं
AI के नकरारात्मक प्रभावों के संबंध में चिंताएं उजागर करने में इस तकनीक के ऐसे उपयोगों को लेकर जागरूकता बढ़ाई है जो समाज को बाधित कर सकते हैं। विशेष रूप से, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस वर्ष दिसंबर में भारत में ग्लोबल AI साझेदारी शिखर सम्मेलन आयोजन करने का ऐलान किया है। इस AI ग्लोबल एक्सपो में शिक्षा संस्थान, स्टार्टअप्स, और अन्यों को अपने काम को एक ग्लेबल दर्शक से प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। वे यह भी चर्चा करेंगे कि AI कैसे विभिन्न क्षेत्रों में हकीकी दुनियावी चुनौतियों का समाधान प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने G20 शिखर सम्मेलन में यह अभिव्यक्त किया कि AI एक नालेज है जो हर किसी को इसके जानने की आवश्यकता है, लेकिन उसकी सुरक्षा के महत्वपूर्ण सवालों का ख्याल रखना भी आवश्यक है। उन्होंने deepfake जैसी तकनीकों के नकरारात्मक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की है और इसे लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता को उजागर किया है। AI के सकारात्मक और नकरारात्मक पहलुओं को समझने की आवश्यकता है ताकि इसे समाज के हित में सही रूप से उपयोग किया जा सके।
AI Deepfake क्या है और इसका नकारात्मक उपयोग क्या है?
AI Deepfake एक तकनीक है जिसमें AI टूल्स का उपयोग करके वीडियो को ऐसे एडिट किया जाता है कि इसका हकीकत से कोई वास्ता नही होता है। प्रधानमंत्री ने इसके नकरारात्मक उपयोग के बढ़ते खतरों का सामना करने की चेतावनी दी है।
AI Deepfake की सही जानकारी और जागरूकता क्यों आवश्यक है?
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि AI की सही जानकारी और जागरूकता समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि समाज सुरक्षित रह सके और भविष्य में उत्पन्न होने वाले नकरारात्मक उपयोगों से बचा जा सके।
AI Deepfake के प्रसार का खतरा और उससे बचाव के लिए क्या उपाय हैं?
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस तकनीक के प्रसार से होने वाले खतरे को लेकर चिंता है और उन्होंने सुझाव दिया है कि लोग इसे पहचानने के लिए इससे जुड़ी सभी जानकारी को मालूम करें, और किसी वीडियो को शेयर करने से पहले सुनिश्चित कर लें कही वो AI Deepfake तो नहीं है।