भूकंप क्या है

भूकंप क्या है | भूकंप कैसे आता है | भूकंप से बचाव | भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहां आते हैं

भूकंप (earthquake), भूचाल, या ज़िल्ज़िला के नाम से जाना जाने वाला एक प्राकृतिक आपदा है जो धरती के अन्दर से उठती हुई ऊँचाई को तबाह करती है। यह एक ऐसी घटना है जो किसी भी समय और किसी भी स्थान पर हो सकती है और इसकी वजह से हजारों लोगों की मौत और अरबों के नुकसान होते हैं। भूकंप दुनिया भर में होते हैं और भारत में भी इससे प्रभावित होने का खतरा होता है। इसलिए, भूकंप के बारे में जानकारी रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

भूकंप क्या है ? (What is earthquake?)

भूकंप क्या है
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भूकंप एक प्राकृतिक आपदा होती है जो भूमि के अंदर स्थित तंत्रों में से किसी एक तंत्र के उन्मूलन या तंत्र के बिगड़ने के कारण होता है। यह एक सक्रिय तंत्र होता है जो भूमि की गतिशीलता या स्थिरता को प्रभावित करता है।

भूकंप आमतौर पर तूफान, बवंडर, ज्वालामुखी आदि की तुलना में कम दुर्घटनाक होती है, लेकिन इसका असर बहुत दुखद होता है। भूकंप के कारण बहुत से लोगों की जान जाती है और इससे बहुत सारे घरों, संग्रहालयों, मंदिरों, स्कूलों, अस्पतालों आदि को नुकसान पहुंचता है।

भूकंप के कारण आमतौर पर पृथ्वी के तंत्रों में एकाधिक संघर्ष शामिल होते हैं। एक क्षेत्र में एक के बाद एक भूकंप भी हो सकते हैं। भूकंप के दौरान, भूमि या तो तेज़ गति से हिलती है या फिर लगातार झटकों के साथ हिलती है।

भूकंप कैसे आता है

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भूकंप के आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। भूकंप एक प्राकृतिक घटना होती है जो भूमि के भीतर होती है। यह घटना जब दो या दो से अधिक टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराते हैं, तब उत्पन्न होती है। इस प्रकार, जब दो प्लेट्स एक दूसरे से हटते हैं, तो भूमि के गतिशीलता में बदलाव होता है। इस समय उच्च तड़ित ताकतों के कारण भूमि की सतह में झुकाव उत्पन्न होता है जो अंततः भूकंप के रूप में प्रकट होता है।

भूकंप के अलावा, दूसरे भी कई कारण होते हैं जो भूकंप का कारण बनते हैं। ये कारण जैसे भौतिक प्रभाव, धरातल के नीचे जल में अस्थिरता, तेज वायु, पर्यावरण के बदलाव, खनिज उत्खनन, सुखाने वाली जलस्तर और जीवाश्म भूमि में मौजूद रहते हैं।

भूकंप का समय अस्थायी होता है और उसके आने का पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता है। इसलिए, भूकंपों से बचने के लिए लोगों को सदैव तैयार रहना चाहिए।

भूकंप किसे कहते हैं

भूकंप को भूमि के अंतर्गत जो विस्फोट होता है जिससे जमीन एक साथ हिलती है उसे हम भूकंप कहते हैं। यह प्राकृतिक घटना होती है जिसके दौरान भूमि की सतह अस्थिर होती है और ध्वस्त होती है। इसके दौरान भूमि के अंदर जो तनाव होता है वह भूमि के सतह को उठाकर हिलाता है जिससे भूमि के ऊपर स्थित भवन एवं संरचनाएं भी हिलती हैं।

भूकंप को अंग्रेजी में ‘Earthquake‘ भी कहते हैं जो ‘Earth‘ यानी भूमि और ‘Quake‘ यानी भूमि की हिलने और कम्पने की गति को दर्शाता है। भूकंप एक प्राकृतिक घटना होती है जिसके दौरान भूमि की सतह हिलती है और उससे जुड़ी संरचनाएं या इंसानी जीवन को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, भूकंप को एक खतरनाक घटना माना जाता है और इससे बचाव के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जाते हैं।

भूकंप मापने का यंत्र

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भूकंप मापने के लिए विभिन्न प्रकार के यंत्र उपलब्ध होते हैं जो भूकंप की शक्ति को मापते हैं। भूकंप के मापने के लिए इन यंत्रों का उपयोग किया जाता है ताकि संभवतः जानकारी की विस्तारपूर्ण रूप से उपलब्धता हो सके।

सबसे आम भूकंप मापने का यंत्र रिकॉर्डर होता है जो एक संवेदक और एक विवरण यंत्र से मिलकर बनता है। रिकॉर्डर भूकंप के दौरान उत्पन्न ज़िले या तनाव को मापता है, जबकि विवरण यंत्र भूकंप के बाद या उसके दौरान तनाव को मापता है। इसके अलावा, सीजमोग्राफ भी एक भूकंप मापने का उपकरण होता है, जो भूमि के अंदर की चाल को मापता है। इसके अलावा और लेजर रैंगर भी भूकंप मापने के उपकरणों में से एक होते हैं।

भूकंप मापने के यंत्र के द्वारा मिली जानकारी के आधार पर सुरक्षा के उपाय लिए जाते हैं जो भूकंप से नुकसान को कम करने में मदद करते हैं।

भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहां आते हैं

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भारत दुनिया के सबसे भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। भारत अपनी भूमि की गतिविधियों के कारण भूकंप के झटकों का एक सामान्य स्थान है। भारत के कुछ राज्य और क्षेत्र जो भूकंपों के लिए जाने जाते हैं, निम्नलिखित हैं:

  • हिमालयी क्षेत्र: भारत के उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा सबसे अधिक होता है। इस क्षेत्र में भूकंप अक्सर बारिश के दौरान होते हैं।
  • गुजरात: 2001 में गुजरात में एक भूकंप आया था जिसने वहां के जीवन की हानि की एक अभूतपूर्व तस्वीर पेश की थी।
  • दिल्ली-एनसीआर: दिल्ली एवं नोएडा एक प्रदेश है जो कि भूकंपों के झटकों के लिए जाना जाता है। दिल्ली के कुछ इलाकों में भूकंप का खतरा बना रहता है।
  • भुज: भारत के गुजरात राज्य में भुज एक भूकंप प्रभावित क्षेत्र है जहां अक्सर भूकंप होते हैं।
  • राजस्थान: राजस्थान के कुछ भागों में भूकंप का खतरा रहता है।

भूकंप से बचाव

भूकंप एक असामान्य तथा भयंकर प्राकृतिक आपदा है जिससे हमें बचना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित तरीके हमें भूकंप से बचाने में मदद कर सकते हैं:

  • जागरूकता: जनता को भूकंप की जानकारी देना एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय है। स्कूलों और कॉलेजों में भूकंप से संबंधित विषयों का विस्तृत अध्ययन कराना चाहिए।
  • नियमित अभ्यास: अधिक से अधिक लोग अपने सुरक्षा और सुरक्षा की जिम्मेदारी को समझें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
  • भूमिगत चेतावनी प्रणाली: इस समय, भूमिगत चेतावनी प्रणाली उपलब्ध है जो भूकंप के जल्दी से चेतावनी देने में मदद करती है। इस प्रणाली को सभी उपयोगकर्ताओं द्वारा लागू किया जाना चाहिए।
  • भूमिगत संरचनाओं को मजबूत बनाना: भूमिगत संरचनाओं को भूकंप से सुरक्षित बनाने के लिए उन्हें मजबूत बनाना चाहिए। इसके लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करना चाहिए।
  • घर की निर्माण योजना बनाएँ: भूकंप से बचने का एक तरीका अपने घर की निर्माण योजना को ध्यान में रखते हुए बनाना होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि भूकंपों के दौरान आपके घर का ढांचा ठीक से काम न करें। उचित ढांचे, खंभे और दीवारों का उपयोग करके घर को स्थिर रखा जा सकता है। इसके अलावा, आप इंजीनियरिंग और अर्थ-शास्त्र विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं जो भूकंप से सुरक्षित और दृढ़ ढांचे के लिए विशेष रूप से निर्माण योजनाओं तैयार कर सकते हैं।
  • सुरक्षित स्थान तलाशें: भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थानों में रहना बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि आप एक भूकंप के दौरान किसी जगह पर होते हैं जो सुरक्षित नहीं है, तो आपको उस जगह से निकलने का तत्काल प्रयास करना चाहिए। इसलिए, अपने आसपास सुरक्षित स्थानों को जानें और जहां आप सुरक्षित रह सकते हैं उनकी जानकारी रखें।

निष्कर्ष

समापन के रूप में, हम कह सकते हैं कि भूकंप एक खतरनाक आपदा होती है जो बड़े हदसे से रोका नहीं जा सकता है। इसलिए, इस समस्या का समाधान तलाशने के लिए हमें संयुक्त रूप से काम करना होगा। भूकंप से संबंधित वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर, हम भूकंप के आने से बचने के लिए सटीक मापन, संगठन और जागरूकता की आवश्यकता है। इससे हम सक्षम हो सकते हैं कि हम अपने आप को भूकंप जैसी घटनाओं से सुरक्षित रख सकते हैं और इससे हमारे देश को अपनी जान बचाने में मदद मिल सकती है।

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