space station kya hai

Space Station क्या है और स्पेस स्टेशन कैसे काम करते हैं?

क्या आपको अंतरिक्ष में रूचि है और आप जानना चाहते है के International Space Station यानि ISS kya hai और कैसे काम करता है तो आप सहीं जगह आये है। हम आपको बतायेंगे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को क्यूँ बनाया गया है, ये क्यूँ ज़रूरी है, आखिर ये कितना बड़ा है और इस स्पेस स्टेशन का मालिक कौन है, यहां पर क्या इंसान रहते है? जैसे रोचक सवालों का आसान जवाब देंगे। चलिए जानते है ISS Kya hai।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है । ISS Kya Hai

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रोजेक्ट को अलग अलग देशों ने मिलकर बनाया है, ये इंसानों द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा structure (largest single structure) है जो अंतरिक्ष में भेजा गया है। इसका पूरा कंस्ट्रक्शन 1998 से 2011 तक के बीच मे तैयार किया गया था, हालांकि तब से स्पेस स्टेशन लगातार विकसित हो रहा है, ताकि नए मिशन और एक्सपेरिमेंट को किया जा सके। 

ISS किसी एक देश का नहीं, इसके नाम में ही इंटरनेशनल है, इसे ‘co-operative programme’ बनाकर अलग अलग देशोंने contribute किया है। जैसे यूरोप, यूनाइटेड स्टेट, रूस, जापान और कनाडा, आदि।  नासा को इसे चलाने में हर साल 3 बिलियन डॉलर का खर्चा आता है, जी हाँ आपने सहीं पढ़ा है। May 2022 तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 258 इंसानों ने विजिट किया है करीब 20 देशों से। 

इसमें यूनाइटेड स्टेट से 158 लोग शामिल है और रूस से 54 लोग गये थे। हर एस्ट्रोनॉट को और स्पेस एजेंसीज को स्पेस स्टेशन में रिसर्च करने के लिए टाइम दिया जाता है, उनके योगदान पर निर्भर है, किसने कितना पैसा दिया है रिसोर्स दिया है उसके मुताबिक उन्हें टाइम allocate होता है। 

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्यूँ ज़रूरी है?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की वजह से इंसानों ने अंतरिक्ष में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए है। जब से पहला crew गया है तब से इंसान हर दिन वहां रहते है। जो रिसर्च कहीं और नहीं किये जा सकते उन रिसर्च को वहां किया जाता है और ये साइंटिफिक रिसर्च पृथ्वी के लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है। रिसर्च के रिजल्ट प्रोडक्ट्स को ‘spinoffs’ कहते है। साइंटिस्ट ये भी स्टडी करते है के इंसान के शरीर पर क्या असर पड़ता है अगर वो माइक्रो-ग्रेविटी में जियादा समय के लिए रहते है। 

नासा और इसके पार्टनर ने स्पेसक्राफ्ट कैसे अच्छे से काम करता है ये सीखा है। ये सारी चीजें भविष्य में होने वाली स्पेस एक्सप्लोरेशन के लिए ज़रूरी है। नासा फिलहाल दूसरी दुनिया को एक्स्प्लोर करने में जुटा है और इसका पहले कदम है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन। नासा स्पेस स्टेशन से सीखें चीजों का इस्तेमाल स्पेस में और दूर जाने के लिए करना चाहता है जहां तक इंसान अभी तक नहीं पहुचे है।

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International Space Station कैसे काम करता है?

इंटरनेशनल  स्पेस स्टेशन में ज़मीन से एस्ट्रोनॉट के crews जाते है वहां रहते है, एक्सपेरिमेंट करते है, missions को पूरा करते है। स्पेस स्टेशन को एक यूनिक साइंस लेबोरेटरी भी कह सकते है। इस स्पेस स्टेशन को बनाने में कई सारे देशों ने मदद की है। स्पेस स्टेशन अलग अलग parts को जोड़कर एस्ट्रोनॉट के दुआरा बनाया गया है। 

ये पृथ्वी का चक्कर लगता है एवरेज altitude 250 miles है और 17,500 mph से ट्रेवल करता है। इसका मतलब है के पृथ्वी के चक्कर लगाने में स्पेस स्टेशन को 90 मिनट लगते है। स्पेस में रहने के लिए और काम करने के लिए नासा इस इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का इस्तेमाल करता है। इसकी वजह से पहले से जियादा इंसानों को आगे जाकर अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है।  

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कितना बड़ा है?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 356 फीट यानि 109 मीटर का है एक एंड से दुसरे एंड तक और इसका वज़न 419725 किलो है बिना vehicles के पहुचे। सिर्फ सोलर पैनल अकेले ही एक acre की जगह लेते है। क्रू मेम्बर रहने की जगह 13,69,6 क्यूबिक फीट है। स्पेस स्टेशन में 7 सोने के लिए quarters है, दो बाथरूम है, एक gym है और एक cupola जिसमे ३६०-डिग्री व्यू होता है, जिसमे हमारी पृथ्वी को देखा जा सकता है। 

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कितना पुराना है?

स्पेस स्टेशन का पहला पट सबसे पहले नवम्बर 1998 में लांच हुआ था। Russian राकेट के द्वारा ‘Russian Zarya (zar EE uh)’ जोकि एक कण्ट्रोल मोडूल है उसे लौंच किया गया। इसके दो हफ्ते बाद zarya से ‘space shuttle Endeavour’ मिलता है ऑर्बिट में। इस space shuttle में U।S यूनिटी नोड था इन दोनों को crew ने attach किया। 

इसी तरह अगले दो सालों तक स्पेस स्टेशन दे दुसरे भागों को भी attach करदिया गया, ताके इस स्टेशन को लोग रहसके इस तरह बनया जा सके। सबसे पहला crew 2 नवम्बर 2000 में स्पेस स्टेशन पंहुचा और तब से अब तक इंसान इस स्पेस स्टेशन मे है। नासा ने अपने दुनिया भरके पार्टनर के साथ मिलकर स्पेस स्टेशन को बनाना 2011 तक कम्पलीट किया। 

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का मालिक कौन है?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन सच में इंटरनेशनल है। इसको पांच स्पेस एजेंसीज ने पार्टनरशिप में बनाया है जिसमे 15 देश है जो स्टेशन के अलग अलग को बनाने में मदद की और आज भी उनके मालिक वोहीं है, ये सारे लोग मिलकर 24 घंटे स्पेस स्टेशन को चलाने में मदद करते है। स्पेस स्टेशन को बनाने में parts दिए है यूनाइटेड स्टेट ने, रूस, जापान, कनाडा और दूसरे देश जिनकी मिलाकर यूरोपियन स्पेस एजेंसीस बनती है। 

निष्कर्ष

तो ये था अंतरिक्ष का सफ़र आशा है आपको ISS kya hai और कैसे काम करता है जैसे सवालों का जवाब मिल गया होगा।

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