दशहरा पर निबंध | Essay on Dussehra in Hindi- 10 लाइन, 250 शब्द, 500 शब्द
Table of Contents
Essay on Dussehra in Hindi | दशहरा पर निबंध For Kids- Class-1, 2- दशहरा पर 10 लाइन का निबंध
- दशहरा हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत सहित विश्व भर के अनेकों देशों में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था, इसे असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर देखा जाता है।
- दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन माँ दुर्गा ने नौ दिन के युद्ध के उपरांत दसवें दिन महिषासुर के वध करके असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त की थी।
- दशहरा का त्यौहार प्रत्येक वर्ष अश्विन मास की शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है, इसलिए इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
- इस दिन रावण का पुतला जलाकर हम बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।
- दशहरा के 9 दिन पहले से रामलीला का आयोजन किया जाता है, जो कि भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन को दर्शाती है।
- दशहरे के दिन रावण के साथ-साथ, मेघनाद और कुम्भकर्ण का पुतला भी जलाया जाता है।
- इस दिन स्कूल, कालेज, दफ्तर आदि में अवकाश होता है।
- दशहरे से ठीक पहले नवरात्रि होती है, जिसमें नौ दिनों तक देवियों की आराधान होती है।
- इस दिन हर छोटे-बड़े स्थानों पर मेलों का आयोजन होता है।
- दशहरे का यह भव्य त्यौहार ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास को बढ़ावा देता है।
Essay on Dussehra in Hindi | दशहरा पर निबंध– Class-4, 5 (250 Words)
दशहरा पर निबंध क्लास 1 से ही दिया जाने लगता है परंतु छोटी क्लास में लाइन-बाॅय-लाइन निबंध लिखवाया जाता है। निबंध लिखने का यह तरीका class 4, 5 से बदलता है। अब, निबंध छोटे-छोटे पैराग्राफ में लिखे जाने लगते हैं और इन्हे अधिक रोचक तथा engaging बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। तो आइये देखते हैं Class-4, 5 के लिए Essay on Dussehra in Hindi-
प्रस्तावना– दशहरा भारत के अति महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसका हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, इसी दिन भगवान श्रीाराम ने दस सिरों वाले दुष्ट रावण का वध किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इन दोनो घटनाओं से यही सिध्द होता है कि बुराई कितनी ही ताकतवर या प्रबल हो, जीत हमेशा अच्छाई की होती है।
समय- दशहरा का आयोजन नवरात्रि के ठीक बाद और दीवाली (दिवाली पर निबंध) के त्याौहार से दो सप्ताह पहले किया जाता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार, दशहरा अश्विन मास के दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो सिंतबर अथवा अक्टूबर के महीने में आता है।
रामलीला आयोजन- इस दिन जगह- जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है, जो भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन का मंचन है। रामलीला दस दिनों तक चलती है, जिसमें दसवें दिन रावण का पुतला जलाकर जश्न मनाया जाता है जो असल घटना का प्रतीकात्मक रूप है।
माहौल- इन दिनों हर तरफ जगमगाती रोशनी और पटाखों का शोरगुल माहौल को काफी खुशनुमा और रंगीन बना देता है। बच्चे, जवान, बूढ़ें सभी रामलीला का आनन्द लेने रामलीला मैदान की ओर कूच करते हैं। रामलीला का मंचन महान संत और कवि तुलसीदास जी के लोकप्रिय काव्य रामचरितमानस पर आधारित होता है।
निष्कर्ष– भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था, जिसे पर्व के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाकर हम लोगों के मन में सकारात्मक ऊर्जा, नई चाह भरते हैं और साथ ही सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देते हैं। इस पर्व के साथ हम अपने मन की और समाज की कुरीतिओं का भी दहन करते हैं।
Essay on Dussehra in Hindi | दशहरा पर निबंध– Class-7, 8 (500 Words)
निबंध लेखन से प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं और अच्छा निबंध लेखन आपकी आंसर राइटिंग को बेहतर बनाता है। एक प्रोशनल निबंध लेखन शैली की नींव Class-7, 8 से रखी जाती है। बड़ी क्लासों में निबंध 500 शब्द या उससे अधिक के होते हैं और इन्हे हेडिंग वाइज लिखा जाता है। तो आइये देखते हैं कक्षा 7 और 8 के बच्चों के लिए दशहरा पर निबंध–
प्रस्तावना- दशहरा एक धार्मिक एव पारंपरिक पर्व है, जो सभी आयु वर्ग और धर्म के लोगों को असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देता है। सनातन/ हिन्दू धर्म के लोग बड़े उत्साह, प्यार और जोश के साथ दशहरे का त्योहार प्रत्येक वर्ष मनाते हैं। इसी दिन भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध किया था।
महत्व– दशहरा के त्योहार का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। इस दिन पौराणिक कथाओं से सीख लेते हुए लोग अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लेते हैं। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योकि इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। इसके अलावा, किसान भाई इस दिन अपनी नई फसल को पहली बार घर लाने का जश्न मनाते हैं।
समय- दशहरा का त्योहार सितंबर अथवा अक्टूबर माह में पड़ता है। हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार, अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दसंवी तिथि के दिन दशहरा होता है। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है, जो नवरात्रि के ठीक बाद और दीवाली से 2 सप्ताह पहले मनाया जाता है।
पौराणिक कथाएँ- पौराणिक कथा के अनुसार, लंकापति रावण भगवान श्रीराम की धर्मपत्नी को छल से अपने साथ लंका लेकर जाता है। भगवान श्रीराम सीता की खोज में समुद्र में सेतु बनाते हुए लंका पहुचते हैं और दशानन रावण का वध कर माता सीता को वापस अयोध्या लेकर आते हैं। उसी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दिये जलाये थे और खुशियाँ मनायी थी। इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
रामलीला का मंचन– पूरे देश में विजयादशमी के धूमधाम से मनायी जाती है और नवरात्रि से ही रामलीला का मंचन शुरू हो जाता है। जगह- जगह पर रामलीला समिति और मेलों का आयोजन होता है, जिसमे रामलीला करने को कुछ कलाकारों को चुनकर भगवान श्रीराम की आदर्श जीवनी को प्रस्तुत किया जाता है। भगवान श्रीराम की जीवनी पर आधारित यह नाट्य रूपांतरण, संत कवि तुलसीदास के महाकव्य रामचरितमानस पर आधारित होता है। विजयादशमी के दिन, रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बनाये जाते हैं जिनका दहन भगवान श्रीराम के कर कमलों द्वारा किया जाता है।
वर्तमान परंपरा- वर्तमान परंपरा में ज्यादा कुछ बदलाव नही आया है, इस त्योहार का महत्व और मूल सार बुराई पर अच्छाई की जीत ही है। नवरात्रि से ही सड़कें और बाजारे रोशनी से जगमग रहते हैं और हर तरफ चहल पहल देखने को मिलती है। दोपहर के बाद से, लोग रामलीला स्थान की ओर जाते हैं और रामलीला का आनन्द लेते हैं। शाम को रावण दहन का कार्यक्रम होता है, तब खूब पटाखे, राकेट आदि दगाये जाते हैं। हर तरफ खुशी का माहौल रहता है, लोग घऱ आकर पूजा- पाठ करते हैं और दीवाली का इतंजार करते हैं, क्योंकि उसी दिन भगवान श्रीराम वापस अपने घऱ अयोध्या आये थे।
निष्कर्ष– दशहरे का त्योहार हमें अपने भीतर से बुराइयों को खत्म कर अच्छाई के मार्ग पर चलने का संदेश देता है। इस दिन हमें अपने भीतर के रावण को मारने की आवश्यकता है। यह एक सांस्कृतिक, पौराणिक और राष्ट्रीय पर्व है, जिसका हम सब को बेसब्री से इंतजार रहता है।
ये भी पढ़े – रक्षाबंधन पर निबंध
Essay on Dussehra in Hindi- FAQs
दशहरा क्यों मनाया जाता है?
दशहरा मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं है जिसमें से मुख्य भगवान श्रीराम का रावण का वध करना है। इसके अलावा, इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
दशहरा पर हम क्या करते हैं?
दशहरा शक्ति पूजा, शस्त्र पूजा, हर्ष और उल्लास का त्योहार है, इस दिन रावण का पुतला जलाया जाता है जो भगवान राम की रावण पर विजय को दर्शाता है। हम रामलीला का आनन्द लेते हैं और रावण दहन देखने जाते हैं।
कक्षा 4 के लिए दशहरा का क्या महत्व है?
दशहरा हमें असत्य पर सत्य की जीत की सीख देता है, साथ ही यह हमारे मनों में सकारात्मक विचार, खुशियाँ आदि लेकर आता है।
दशहरा से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
दशहरा हमें यह सिखाता है कि बुराई पर सदैव अच्छाई की जीत होती है अर्थात् असत्य पर सत्य की जीत हमेशा होती है।
दशहरा किस तिथि को मनाया जाता है ?
दशहरा का त्योहार आश्विन मास की शुक्लपक्ष में दसंवी तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर के महीन में आता है।