Holi Par Nibandh- होली पर निबन्ध- Essay on Holi in Hindi
Table of Contents
Essay On Holi For Kids- Class-1, 2 – Holi Par Nibandh 10 Line
1. रंगों का त्यौहार होली, हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जिसको सभी धर्म संप्रदाय के लोग मिल जुलकर मनाते हैं।
2. यह त्यौहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को धूमधाम से मनाया जाता है।
3. इस दिन सभी लोग आपस के मतभेद भुलाकर एक दूसरे के गले मिलते है।
4. इस दिन हिरणाकश्यप ने प्रहलाद को जलाकर मारने की कोशिश की थी।
5. होली के एक दिन पहले शाम को होलिका दहन होता हैं। होलिका दहन के अगले दिन लोग रंग खेलते, रंगीन पानी की फुहारों और पानी के ग़ुब्बारों के साथ होली के पूरे दिन को रंगीन करते हैं।
6. शाम को नये कपड़े पहनकर हम बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं।
7. इस दिन घरों में तरह तरह के स्वादिष्ट पकवान बनते हैं।
8. यह प्रेेम, भाईचारा और बन्धुत्व का अनुभव कराता है।
9. होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
10. यह त्यौहार सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचलित है।
Essay On Holi In Hindi For Kids- Class-4, 5 – होली निबन्ध (250 Words)
प्रस्तावना- भारत विभिन्न विविधताओं और धर्म संप्रदायों का देश है। यहाँ कई तरह के त्यौहार प्रचलित है, होली इनमें से एक है। होली का त्यौहार फाल्गुन माह में मानाया जाता है। इसी दिन हिरणकश्यप की बहन होलिका की जलकर मृत्यु हो गयी थी। इसे रंगों का त्यौहार कहा जाता है। यह बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
प्रहलाद भगवान विष्णु के भक्त तथा हिरणाकश्यप के पुत्र थे। हिरणाकश्यप की बहन होलिका को ये वरदान प्राप्त था कि वह आग में कभी जलेगीं नही। हिरणाकश्यप एक राक्षस था जो प्रहलाद को मारना चाहता है इसके लिए वह होलिका का सहारा लेता है। होलिका, प्रहलाद को लेकर आग में बैठ जाती है परन्तु प्रहलाद बच जाता है और होलिका की आग में जलकर मौत हो जाती है।
रीति रिवाज- होली दो दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन शाम को होलिका दहन का कार्यक्रम होता है इसमें सभी लोग कंडे, लकड़ी आदि डालते है तथा इस आग से गन्ने को भूनकर चूसा जाता है। जले हुए कंडे घर लाये जाते है जिनकी घर में महिलाँए पूजा आदि करती हैं। दूसरे दिन बच्चे, जवान और बुजुर्ग एक दूसरे पर रंग गुलाल डालते है और एक दूसरे के गले मिलते है। शाम के वक्त, सभी नये नये कपड़े पहनकर एक दूसरे के घर जाकर बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं।
निष्कर्ष- होली का त्यौहार भाईचारे, एकता, खुशी, उत्साह और आनंद का पर्व है जिसे सभी धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग मिलजुल कर मनाते हैं। इस दिन सभी लोग पुरानी बातों को भूलकर गले मिलते हैं और आगे बढ़ते हैं। होली के अलग अलग रूप विभिन्न जगहों पर देखने को मिलते हैं।
Holi Par Nibandh For Kids- Class-7, 8 होली निबन्ध (500 Words)
प्रस्तावना- होली रंगो का त्योहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में तथा नेपाल में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने की पूर्णिमा अथवा मार्च के महीने में आता है। इस दिन सभी धर्मों के लोग अपने वाद- विवाद आदि को भूलकर एक दूसरे से गले मिलते है।
उद्देश्य- होलिका शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द होल्क से हुई है जिसका अर्थ है भुना हुआ अन्न। होलिका से होली शब्द अस्तित्व में आया था।
प्राचीन समय में यह मान्यता थी कि जब किसान अपनी नई फसल काटता है तो उसका इस्तेमाल करने से पहले वह इसे भगवान को भोग लगाते थे जिसके फलस्वरूप वह इस नये अन्न को आग में भूनते थे और सभी लोगो में थोड़ा थोड़ बांटते थे। यह रीति तब से होली के रूप में होलिका दहन के समय मनाई जाती है।
पौराणिक कथाएँ- होली के त्यौहार एक भक्त और भगवान की कहानी पर आधारित है। प्राचीन काल में एक राजा हिरणाकश्यप थे जिनके एक संतान प्रहलाद थी जो भगवान विष्णु की दिन रात भक्ति करते थे। लेकिन हिरणाकश्यप को यह बात अच्छी नहीं लगती थी।
हिरणाकश्यप की एक बहन होलिका थी जिसको भगवान ब्रम्हा से यह वरदान प्राप्त था कि वह कभी आग में नही जल सकती। अतः हिरणाकश्यप होलिका को कहता है कि वह प्रहलाद को चिता में लेकर बैठे इससे होलिका को तो कुछ नहीं होगा और प्रहलाद मारा जायेगा। लेकिन भगवान विष्णु की अपने भक्त पर ऐसी कृपा थी कि प्रहलाद को कुछ नहीं होता है और होलिका उस आग में जलकर राख हो जाती है।
होलिका दहन- दो दिनों तक चलने वाले त्यौहार होली के पहले दिन होलिका दहन का कार्यक्रम होता है। ग्राम समाज के लोग लकडृी, घास फूस आदि एकत्रित करके एक जगह पर रखते हैं और शाम के वक्त एक तय समय पर होली जलाई जाती हैे। हम सब गन्ना, कण्डा, अलैया बलैया लेकर जाते है और जलाते हैं। इससे निकालकर लायी गयी आग घर में रखी जाती है और सुबह पूजा अर्चना आदि की जाती है।
रंगो का त्यौहार- भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के पहले तक होलिकोत्सव सिर्फ होलिका दहन और नये अन्न की पूजा के लिए मनाया जाता था परन्तु भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद से होलिका दहन के बाद का दिन रंगोत्सव के रूप मे मनाया जाने लगा।
बच्चे, जवान तथा बूढ़े सभी एक दूसरे पर रंग गुलाल डालते है और गले मिलकर अपने सभी गिले शिकवे दूर करते है। कई जगहो पर इसे दूसरे तरीकों से भी मनाया जाता है जैसे- लट्ठमार होली, वृंदावन की होली, रासलीला आदि।
निष्कर्ष- होली हिन्दुओं का अत्यन्त महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे अन्य धर्मों के लोगों के द्वारा भी मिल जुल कर मनाया जाता है अतः होली आपस में सौहार्दय, भाईचारा, प्रेम आदि को बढ़ाता है। यह सिर्फ रंगो का त्यौहार ही नही है इसके कई अलग अलग मायने भी है। इस दिन लोग ख़ुशियाँ मन्नाते और घर पर नये – नये पकवान बनते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है साथ ही साथ यह नवान्न को पूजने का दिन भी है।
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होली के दिन लोग गुझिया, पापड़, पकौड़े, हलवा आदि मनाते है, बच्चे अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेते है। लोगो में जबरजस्त उत्साह, जोश और आशा होती है।
Holi Par Nibandh: FAQs
होली पर निबंध होली क्यों मनाया जाता है?
होली बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को होलिका ने जलाने का प्रयास किया था परन्तु असफल रही थी। यह एक भक्त की भगवान पर आस्था को भी दर्शाता है।
होली के बारे में क्या लिखें?
होली रंगो का त्योहार है, होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस दिन क्या किया जाता है और कैसे किया जाता है, इस बारे में आप लिख सकते हैं।
आप होली क्लास 3 कैसे मनाते हैं?
होली के दिन रंग और गुलाल एक दूसरे के लगाकर गले मिलते हैं और शाम को नये कपड़े पहनकर शिष्टाचार को सभी के घर जाते हैं।
वर्ष 2023 में होली कब मनाई जाएगी?
वर्ष 2023 की होली 8 मार्च को मनायी जाएगी।
होली पर निबंध लिखना है कैसे लिखें?
होली पर निबंध लिखने के लिए आप इस पोस्ट में दिए गये होली पर निबन्ध को पढ़े और उससे प्रेरित होकर निबंध लिखें।