लोन कितने प्रकार के होते है | Loan Kitne Prakar Ke Hote Hain

loan kitne prakar ke hote hain- लोन अर्थात ऋण किसी से उधार लिए गये पैसे होते हैं जिन्हे एक निश्चित समय अंतराल के बाद वापस करना होता है। इन पैसो पर ब्याज देय होता है जिसकी दर (Rate of Interest) लोनदाता (Lender) के द्वारा निर्धारित की जाती है। 

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लोन किसी सरकारी, प्राइवेट बैंक, नान-बैंकिग वित्तीय संस्थान (NBFC) आदि से लिया जा सकता है।

लोन के तीन मुख्य घटक (component) होते हैं- मूलधन (उधार ली गयी रकम), ब्याज की दर, समय अंतराल (जितने समय के लिए लोन लिया गया है)।

लोन के लिए पात्रता (Eligibility for Loan)

लोन की पात्रता, Types of loan पर निर्भर करती है। साधारणतः लोन लेने हेतु निम्न चीजे देखी जाती है।

  • अच्छा क्रेडिट स्कोर
  • रेगुलर वेतन या इनकम स्त्रोत
  • उम्र- 23 से 60 वर्ष के बीच
  • गिरवी रखने हेतु प्रापर्टी
  • बैंक से अच्छे सम्बन्ध

तो आइये देखते है कि लोन कितने प्रकार के होते है (Types of loan)।

व्यक्तिगत लोन (Personal Loan)

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जब भी आपको पैसोंं की जरूरत हो तो आप पर्सनल लोन ले सकते है। यह निजी कार्यों के लिए लिया जाता है जैसे कि पुराना कर्ज चुकाना, घूमने जाना, इलाज कराना, मंहगा फर्नीचर खरीदना आदि।

इसके लिए आपको Security नहीं जमा करनी होती है बस आपकी सैलरी और क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही आपको लोन दे दिया जाता है। पर्सनल लोन की ब्याज दर अन्य लोन की तुलना में अधिक होती है।

शिक्षा लोन (Education Loan)

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बच्चो को स्कूल, कालेज आदि की फीस जमा करने के लिए बैंक शिक्षा लोन देते है परन्तु बैंक आदि यह लोन उन्ही बच्चो को यह लोन देते है जो उसको वापस करने की क्षमता रखते है। लोन वापसी की क्षमता को दो प्रकार से check किया जाता है।

पहला, बच्चे के माता पिता की इनकम को देखा जाता है तथा दूसरा, बच्चा किस कालेज में जा रहा है, वह पढ़ने में कैसा है, कालेज जाब दिलवा पायेगा आदि जिससे की बच्चा पढ़ाई पूरी करने के बाद लोन चुका सके।

शिक्षा लोन पास कराने के लिए एक गारंटर की भी जरूरत होती है। शिक्षा लोन पर ब्याज दर 8% से 12% तक होती है जो बैंक पर निर्भर करती है।

होम लोन (Home Loan)

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यदि आप कोई घर बनाना चाहते हैं या बना बनाया घर खरीदना चाहते है तो उसके लिए लोन की सुविधा विभिन्न बैंको तथा NBFCs द्वारा उपलब्ध है।

इसमें आप घर के अलावा रजिस्ट्रेशन, स्टाँप ड्यूटी, दाखिल खारिज आदि सभी का खर्चा जोड़कर लोन के लिए Apply कर सकते हैं। इसमें बैंक आपको पूरा पैसा नही देता है, यह कुल राशि का 75% से 85% तक ही मुहैया कराता है। बाकी रकम की व्यवस्था आपको खुद करनी होगी।

वाहन लोन (Vehicle Loan)

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टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर वाहन खरीदने के लिए आप लोन ले सकते है। फोर व्हीलर लोन नये तथा पुराने दोनो तरह के वाहन पर मिलता है। लोन की रकम का निर्धारण गाड़ी के आन रोड दाम पर ऋणदाता निर्धारित करता है। वाहन का स्वामित्व लोनदाता के पास होता है जब तक कि आप लोन का सारा पैसा वापस न कर दें।

वाहन लोन पर ब्याज दर दो प्रकार की होती है- फिक्सड तथा फ्लोटिंग। फिक्सड ब्याज दर पूरी अवधि में एक समान होती है जबकि फ्लोटिंग ब्याज दर समय समय पर बदलती रहती है।

  1. बाइक लोन
  2. कार लोन

कार्पोरेट लोन (Corporate Loan)

कार्पोरेट लोन (Corporate Loan)
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बैंक आदि जब बड़े बड़े बिजनेसमैन को लोन प्रदान करते हैं तो उसे कार्पोरेट लोन कहते हैं। इस लोन की रकम काफी ज्यादा होती है। इस प्रकार के लोन के लिए बैंक अपनी कोर कैपिटल (Core Capital) का केवल 25% ही लोन पास कर सकते है। 

पहले इसके अन्तर्गत बैंक अपनी कोर कैपिटल का 55% तक लोन पास करती थी, परन्तु लोन डिफाल्टरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए RBI ने इस Types of Loan की रकम 55 से 25 फीसदी कर दी।

गोल्ड लोन (Gold Loan)- Types of Loan

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अपनी आकस्मिक जरूरतो को पूरा करने के लिए आप गोल्ड को गिरवी रखकर बैंक आदि से लोन ले सकते है। लोन आपके गोल्ड की क्वालिटी और वर्तमान मे चल रहे गोल्ड प्राइस के आधार पर निर्धारित किया जाता है। प्रायः यह देखा गया है कि गोल्ड की प्राइस का 80% तक का लोन मिल जाता है। 

गोल्ड पर लिए गये लोन की ब्याज दर बहुत कम होती है क्योंकि यह एक सुरक्षित लोन है।

लोन अगेन्सट प्रापर्टी (Loan Against Property)

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लोन अगेन्सट प्रापर्टी अथवा प्रापर्टी लोन बैंको द्वारा एक सुरक्षित लोन माना जाता है। इसमें आपकी प्रापर्टी के कागजात को गिरवी रखकर लोन दिया जाता है। लोन की रकम प्रापर्टी के बाजार भाव का 40% से 50% होती है और यह अधिकतम 15 वर्षो के लिए दिया जाता है।

लोन अगेन्सट इन्शोरेन्स पालिसी (Loan Against Insurance Policy)

लोन अगेन्सट इन्शोरेन्स पालिसी
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यदि आपको लोन की जरूरत है और आपके पास कोई पुख्ता प्रापर्टी नहीं है तो भी आप इन्शोरेन्स पालिसी से लोन उठा सकते है। इसमें आपको टर्म प्लान और यूलिप पर लोन नहीं मिलता है, केवल ट्रे़डिशनल लाइफ इन्शोरेन्स प्लान पर ही मिलता है।

उपुर्युक्त सभी प्रकार के लोन को निम्नलिखित आधारों पर भी बांटा जा सकता है।

समय अवधि के आधार पर लोन तीन प्रकार के होते हैं

सुरक्षा के आधार पर लोन दो भागो में बाटा जा सकता

समय अवधि के आधार पर

  1. अल्पकालिक लोन (Short term loan)- 1 साल से कम अवधि के लिए
  2. मध्यकालिक लोन (Medium term loan)- 1 से 3 साल की अवधि के लिए
  3. दीर्घकालिक लोन (Long term loan)- 3 साल से ऊपर की अवधि के लिए

सुरक्षा के आधार पर

सुरक्षित लोन (Secured Loan)

इस ऋण को लेने के लिए आपको अपनी किसी प्रापर्टी को security के तौर पर ऋणदाता को जमा करनी पड़ती है। ये प्रापर्टी आपका घर, जमीन, गोल्ड, इंश्योरेन्स पाॅलिसी, म्युचल फंड, शेयर, फिक्सड डिपाजिट आदि कुछ भी हो सकता है।

अगर किसी कारणवश आप लोन चुकाने में असमर्थ होते हैं तो ऋणदाता आपकी प्रापर्टी नीलाम करके लोन दी गयी राशि की भरपाई कर लेता है। सुरक्षित लोन पर ब्याज दर, असुरक्षित लोन से काफी कम होती है।

सुरक्षित लोन की श्रेणी में loan kitne prakar ke hote hain?

  • गोल्ड लोन
  • लोन अगेन्सट प्रापर्टी 
  • अगेन्सट इन्शोरेन्स पालिसी लोन
  • लोन अगेन्सट फिक्सड डिपाजिट
  • लोन अगेन्सट क्रेडिट कार्ड

असुरक्षित लोन (Unsecured Loan)

असुरक्षित लोन लेने के लिए आपको किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है। यह लोन आपके वेतन, क्रेडिट स्कोर, पिछले लोन के रिकार्डस आदि को देखने के बाद तुरन्त ही जारी कर दिया जाता है।

इसमें ऋणदाता के पास लोन रिकवरी की कोई सिक्योरिटी नहीं होती है जिसके कारण इस तरह के लोन पर ब्याज दर काफी अधिक होती है। 

असुरक्षित लोन की श्रेणी में loan kitne prakar ke hote hain?

  • व्यक्तिगत लोन (Personal Loan)
  • शिक्षा लोन (Education Loan)
  • क्रेडिट कार्ड पर लोन (Credit Card Debt)
  • बैंक ओवरड्राफ्ट (Bank Overdraft)

तो दोस्तों, आपने इस Article में जाना कि loan kitne prakar ke hote hain तथा उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी। Types of loan की यह जानकारी अपने मित्रों एवं घर परिवार के सदस्यों को जरूर साझा करें।

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Loan Kitne Prakar Ke Hote Hain: FAQs

भारत में लोन कितने प्रकार के होते हैं

भारत में लोन 5 प्रकार के होते हैं।

पर्सनल लोन कितने प्रकार के होते हैं?

पर्सनल लोन निम्न प्रकार के होते हैं-
1. वैवाहिक लोन
2. हाॅलीडे लोन
3. एनआरआई लोन
4. फ्रेशर फंडिग
5. इत्यादि

पर्सनल लोन का मतलब क्या होता है?

जो लोन स्वंय की जरूरतो को पूरा करने के लिए लिया जाता है उसे पर्सनल लोन कहते हैं जैसे शादी के लिए लोन, घूमने के लिए लोन आदि।

बिजनेस लोन कितने प्रकार का होता है?

भारत में बिजनेस लोन कई प्रकार का हो सकता है इन्हे मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है
1. प्रोफेशनल लोन
2. ट्रेड लोन

नया बिजनेस शुरू करने के लिए लोन कैसे प्राप्त करें?

नया बिजनेस शुरू करने के लिए आप प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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